चुनावी ड्यूटी का संदेश मिलते ही बीमार हुए दर्जनों शिक्षक, चुनाव ड्यूटी से नाम हटाने दिया आवेदन

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के बाद कर्मचारियों के पास चुनावी ड्यूटी का संदेश पहुंच गया है। इस संदेश को सुनकर ग्वालियर के शिक्षक बीमार पडऩे लगे हैं। करीब दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों ने चुनाव ड्यूटी से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन दिए हैं। इन आवेदनों में अजीब बहाने बनाए हैं। एक महिला शिक्षक ने ड्यूटी से मुक्ति के लिए कहा कि उसे असमायिक समस्या रहती है। पति घर से बाहर रहते हैं। इसलिए उसे चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। एक और शिक्षक ने सर्वाइकल की समस्या बताते हुए चुनाव ड्यूटी से छूट मांगी है। कुर्सी पर बैठने में दिक्कत होती है। आवेदन के साथ डॉक्टर का पर्चा भी संलग्न नहीं किया है। बिना मेडिकल बोर्ड परीक्षण के चुनाव ड्यूटी से छूट मांगी है।

वहीं चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से कलेक्टर ने अधिकारी व कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है। बिना अनुमति के अपना मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं। इसके अलावा एनआइसी से डेटा अपडेट कर विभागों कर्मचारियों की ड्यूटी का संदेश भेज दिया है। चुनाव ट्रेनिंग के लिए निर्देशित किया गया है। ग्वालियर लोकसभा की 8 विधानसभा में चुनाव के लिए चाहिए कर्मचारी। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा में 2 हजार 264 मतदान केंद्र बनाए हैं। एक मतदान केंद्र पर चार लोगों की जरूरत होती है।

बता दें कि मतदान के लिए 9 हजार कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। 10 फीसदी कर्मचारी रिजर्व में रखने होंगे। मतगणना के लिए भी कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसलिए राज्य व केंद्र के कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई जानी है। इसलिए ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। नगरीय निकाय व पंचायत के कर्मचारी मतदान केंद्र पर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालते हैं। 85 वर्ष के बुजुर्ग व दिव्यांगों को घर से वोट डलवाए जाएंगे। इनसे सहमति के पत्र भेजने के लिए भी कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.