क्या दिल्ली का मतदाता असम से लड़ सकता है चुनाव, जेल में कैदी कर सकते हैं मतदान… जानिए ऐसे 10 सवालों के जवाब

क्या कोई कैदी जेल में मतदान कर सकता है? क्या दिल्ली का मतदाता असम में चुनाव लड़ सकता है? लोकसभा चुनाव के लिए कितनी जमानत राशि जमा करनी होगी? ऐसे कई सवाल हैं जो चुनाव आते ही जेहन में आते हैं. एक बार फिर लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव 7 चरण में होंगे. पहले फेज का चुनाव 19 अप्रैल को होगा. चुनावी दल लोकसभा सीटों के लिए कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी कर रहे हैं.

पहले चरण के लिए नामांकन 20 मार्च से 28 मार्च तक होगा. इसी बहाने आइए जान लेते हैं चुनाव से जुड़े सवाल और उनके जवाब.

सवाल-1. मैं दिल्ली का मतदाता हूं, क्या मैं हरियाणा या महाराष्ट्र या उड़ीसा से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता हूं?

जवाब: हां, अगर आप दिल्ली में पंजीकृत मतदाता हैं, तो रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट 1951 की धारा 4 (सी), 4 (सीसी) और 4 (सीसीसी) के अनुसार, असम, लक्षद्वीप और सिक्किम को छोड़कर देश के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.

सवाल-2. अगर अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और 3 साल की कैद की सजा सुनाई जाती है, तो क्या वह चुनाव लड़ सकता है?

जवाब: नहीं, रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और 2 साल या उससे अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो यह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा.

सवाल-3. क्या कोई गैर-नागरिक उम्मीदवार हो सकता है?

जवाब: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 84 (ए) कहता है कि कोई व्यक्ति लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तब तक योग्य नहीं है कि जब तक वह भारत का नागरिक न हो. संविधान के अनुच्छेद 173 (ए) में राज्य विधानसभाओं के लिए भी इसी तरह का प्रावधान मौजूद है.

सवाल-4: लोकसभा या विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए न्यूनतम उम्र क्या है?

जवाब: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 84 (बी) कहता है, लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए. संविधान की धारा 173 (बी) के तहत विधानसभाओं के उम्मीदवार के लिए भी यही शर्त अनिवार्य है.

सवाल-5: मैं किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हूं, क्या मैं चुनाव लड़ सकता हूं?

जवाब: नहीं, एक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए किसी व्यक्ति को मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. नियम कहता है, कोई कैंडिडेट तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता है जब तक वो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक न हो.

सवाल-6: कोई शख्स जमानत पर है तो क्या वो चुनाव लड़ सकता है?

जवाब: नहीं, भले ही कोई व्यक्ति जमानत पर हो, दोषसिद्धि के बाद और उसकी अपील लंबित है, वह भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक चुनाव नहीं लड़ सकता.

सवाल-7: क्या जेल में बंद शख्स चुनाव में मतदान कर सकता है?

जवाब: नहीं, रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट 1951 की धारा 62(5) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेगा यदि वह जेल में बंद है, चाहे कारावास में हो या पुलिस की हिरासत में.

सवाल-8: लोकसभा चुनाव के लिए कितनी जमानत राशि जमा करना अनिवार्य है?

जवाब: नियमानुसार, प्रत्येक उम्मीदवार को रुपये की सुरक्षा जमा करना आवश्यक है. लोकसभा चुनाव के लिए 10 हजार रुपए बतौर जमानत राशि जमा करना होगा. वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार को 5 हजार रुपए जमा कराने पड़ते हैं. वहीं, 1996 से पहले तक सामान्य उम्मीदवारों के यह राशि 500 रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 250 रुपए थी.

सवाल-9: राष्ट्रीय या राज्य पार्टी के उम्मीदवार को नामांकन के लिए कितने प्रस्तावकों की जरूरत होती है?

जवाब: अगर किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय/राज्य दल के उम्मीदवार हैं, तो आपको प्रस्तावक के रूप में निर्वाचन क्षेत्र के केवल एक निर्वाचक की आवश्यकता होगी.

सवाल-10: क्या कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से कई निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है?

उत्तर.नहीं, रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट 1951 की धारा 33 (7) के अनुसार, एक इंसान दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकता है.

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