देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पलायन रोकने के लिये प्रभावी चिंतन की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन करने, युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिये ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं का आयोजन करने तथा जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिये जाने की भी बात की है।
“आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित हो”
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7वीं बैठक आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राज्य की रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति का अध्ययन एवं राज्य में वापस आये लोगों के अनुभवों का लाभ लेने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के आसपास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिये राज्य के परंपरागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की भी आवश्यकता पर बल दिया। धामी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि के लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
“पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे”
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वन पंचायत नियमावली को मंजूरी दी गई है। इससे जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम, इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो सकेंगे तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने वन पंचायतों एवं सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जंगली जानवरों से खेती के नुकसान को कम करने पर भी ध्यान देने को कहा इससे हाउस ऑफ हिमालयाज के लिये उत्पादों की उपलब्धता में भी मदद मिलेगी।
“उत्तराखंड का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को करता रहा है आकर्षित”
धामी ने कहा कि उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन बने, इस दिशा में भी प्रयास होना चाहिए। यहां का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये राज्य में विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है जिसके परिणाम शीघ्र ही सामने आयेंगे। बैठक में, ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। जिनमें राज्य के विभिन्न जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से संबंधित सिफारिशें प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन की स्थिति पर द्वितीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को प्रस्तुत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने हेतु विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
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