रमजान के महीने की शुरुआत में ही ब्रिटेन सरकार ने देश के मुसलमानों को बड़ा तोहफा दिया है. ब्रिटेन में बढ़ते इस्लामोफोबिया और मुस्लिम हेट से बचाव के लिए सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है. सरकार के बयान में कहा गया है कि यूनाइटेड किंगडम मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 117 मिलियन पाउंड ($150m) खर्च करेगा. रमजान का महीना शुरू होते ही घोषित की नई फंडिंग का इस्तेमाल मस्जिदों, मुस्लिम स्कूलों और अन्य मुस्लिम केंद्रों में CCTV कैमरे, अलार्म और फेंसिंग (बाड़) लगाने के लिए किया जाएगा.
सरकार ने ये कदम गाजा युद्ध के बाद से ब्रिटेन में बढ़े मुसलमानों के खिलाफ नफरत के मामलों के बाद उठाया है. बता दें ब्रिटेन में 40 लाख मुसलमान रहते हैं. मुस्लिम हेट पर नजर रखने वाले एक समूह ‘MAMA’ ने अपनी रिर्सच में पाया कि मुस्लिमों पर ऑनलाइन हमलों, शारीरिक हमलों और अन्य हमलों में 335 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
“मुस्लिमों से नफरत करने वालों की कोई जगह नहीं”
ब्रिटेन के गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक बयान में कहा, “हमारी सोसाइटी में मुस्लिम विरोधी नफरत की कोई जगह नहीं है, हम मध्य पूर्व की घटनाओं के बहाने ब्रिटिश मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार नहीं होने देंगे.” उन्होंने ये भी बताया कि हमारे प्रधानमंत्री ने ये साफ किया है कि हम ब्रिटेन के मुसलमानों के साथ खड़े हैं. हमने ये फंड उस वक्त जारी किया है, जब इसकी बेहद जरूरत है, ये कदम दर्शाता है कि ब्रिटेन सरकार मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है.
सरकार पर दबाव
हाल ही में कंजर्वेटिव विधायक ली एंडरसन ने लंदन के मेयर सादिक खान और लेबर नेता कीर स्टार्मरको इस्लामवादियों द्वारा नियंत्रित बताया था. जिसके बाद पूरे ब्रिटेन में इसका विरोध किया गया. हालांकि, PM सुनक ने एंडरसन की टिप्पणियों को “अस्वीकार्य” बताया था और निलंबित कर दिया था, लेकिन उनके आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इस्लामोफोबिक टिप्पणियों की निंदा नहीं की है. इसके अलावा मानवाधिकार संगठन और मुस्लिम संगठन गाजा जंग को लेकर सुनक के स्टैंड पर भी सरकार को घेर रहे हैं.
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