उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा मिलकर बीजेपी से मुकाबला करने का प्लान बनाया है. सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस ने अपने कोटे की 17 सीट पर उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर उसे सेंट्रल इलेक्शन कमिटी को भेज दिया गया है. अमेठी और रायबरेली सीट के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें गांधी परिवार का उम्मीदवार उतारने की मांग की गई है. इसके अलावा 15 लोकसभा सीटों में से चार पर सिंगल नाम भेजे गए हैं तो तीन सीट पर मुस्लिम नाम भेजे गए हैं.
कांग्रेस उत्तर प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में गठबंधन में मिली 17 सीटों में से उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई. सूबे के 17 सीटों के समीकरण और चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों की मतदाताओं में पकड़ आदि को लेकर भी विचार विमर्श किया गया. इस दौरान वरीयता के क्रम में किसी सीट पर दो तो किसी पर तीन नाम का प्रस्ताव तैयार किया गया. इसके अलावा रायबरेली और अमेठी का फैसला कांग्रेस हाईकमान के ऊपर डाल दिया गया है.
चार सीट पर सिंगल नाम भेजे
यूपी की चार लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने सिंगल नाम भेजे हैं. सहारनपुर से इमरान मसूद, बाराबंकी सीट से तनुज पुनिया, महाराजगंज सीट से बीरेंद्र चौधरी और बनारस सीट से अजय राय का नाम भेजा गया है. माना जा रहा है कि इन चारों सीट पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर बहुत ज्यादा मंथन नहीं करना है. कांग्रेस की प्रदेश कमेटी ने जिन चारों नेताओं के नाम भेजे हैं, उनके नाम पर फाइनल मुहर लग सकती है.
17 में से तीन पर मुस्लिम नाम
कांग्रेस को मिली 17 लोकसभा सीटों में से तीन सीट पर मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव भेजा गया है. सहारनपुर सीट से इमरान मसूद का सिंगल नाम है जबकि अमरोहा सीट पर कुंवर दानिश अली, नसीम चौधरी, बदरुद्दीन कुरैशी, शाहनवाज आलम, राशिद अल्वी और सचिन चौधरी के नाम भेजे हैं. इसके अलावा सीतापुर लोकसभा सीट पर शमीना शफीक के नाम भेजा गया है. हालांकि, अमरोहा और सहारनपुर लोकसभा सीट से ही मुस्लिम कैंडिडेट उतारने का दांव है.
रायबरेली-अमेठी का फैसला हाईकमान पर
अमेठी और रायबरेली सीट के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया गया है और पार्टी हाईकमान से इन दोनों सीट पर गांधी परिवार के उम्मीदवार उतारने की सिफारिश की गई है. अमेठी और रायबरेली से अभी तक किसी भी उम्मीदवार का नाम नहीं भेजा गया है. दोनों जिलों से आए स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजने का फैसला लिया गया. तय किया गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इन दोनों सीटों पर गांधी परिवार से उम्मीदवार तय करें, क्योंकि दोनों लोकसभा सीट पर निरंतर गांधी परिवार से उम्मीदवार की मांग की जा रही है.
कमेटी के सदस्यों ने यहां तक कहा कि गांधी परिवार का उम्मीदवार नहीं होने पर इन दोनों सीटों को खोना पड़ सकता है. क्योंकि इससे स्थानीय लोगों की भावना आहत होगी. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं का मानना है कि अमेठी-रायबरेली में आम जनता को सीधे गांधी परिवार के करीबी संपर्क में रहने की आदत बन गई है. वे कांग्रेस के किसी अन्य नेता को एक नेता के रूप में स्वीकार नहीं कर पाते. यही कारण है कि इस परंपरागत सीट पर मतदाताओं से अपना लगाव बरकरार रखने के लिए कांग्रेस को किसी बड़े चेहरे को ही उतारना पड़ सकता है.
फतेहपुर सीकरी, कानपुर सीट पर कौन?
भले ही बीते पांच साल से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर यूपी कांग्रेस से दूरी बनाए रखे हों, लेकिन रविवार को हुई प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में फतेहपुर सीकरी से उनका नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया है. इस सीट से राज बब्बर के अलावा रामनाथ सिकरवार के नाम दिया गया है. मथुरा से प्रदीप माथुर, राजकुमार रावत और महेश पाठक के नाम को भेजा है. देवरिया सीट से अखिलेश प्रताप सिंह, अजय कुमार लल्लू और ईश्वर चंद यादव के नाम भेजा है. ऐसे ही कानपुर सीट पर अजय कपूर, आलोक मिश्रा, शलभ मिश्रा और विकास अवस्थी के नाम भेजे गए हैं.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटें मिली है, जिस पर वो चुनाव लड़ेगी. इस फेहरिस्त में रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं. इस तरह से कांग्रेस को अमेठी-रायबरेली सहित 17 सीटें मिली हैं, जबकि सपा और अन्य सहयोगी दल 63 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएंगे. देखना है कि कांग्रेस अपने कोटे की 17 में कितनी सीटें सपा के सहारे जीत पाती है?
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