पुलिस ने खेत खोदा, कई शहरों में दी दबिश, अब शौचालय से निकले लूट के 2.80 करोड़ रुपये के गहने, आरोपित गिरफ्तार
मुरैना। बागचीनी क्षेत्र के कटबरी हनुमान मंदिर के पास गत 31 जनवरी को ग्वालियर के व्यापारी के मुनीम के साथ हुई तीन किलो से अधिक वजनी सोने के गहनों की लूट का पुलिस ने रविवार को खुलासा कर लिया। पुलिस इस मामले में 600 ग्राम सोने के जेवर पहले ही पकड़े गए आरोपितों से बरामद कर लिए थे, वहीं अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस कई राज्यों की खाक छानने में जुटी थी। पुलिस ने बचे हुए गहनों को उत्तर प्रदेश के भवानीपुरा के बेला गांव में एक आरोपित के घर में बने शौचालय से बरामद किए हैं। इसके साथ ही सभी सात आरोपितों को पुलिस ने अब गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के बीपी ज्वैलर्स के मालिक राहुल गोयल ने अपने मुनीम शैलू अग्रवाल के हाथ तीन किलो से अधिक वजन के गहने जौरा व कैलारस में सराफा की दुकानों के लिए भेजे थे। इसी बीच हथियार बंद बदमाशों ने मुनीम शैलू अग्रवाल व उसके ड्राइवर रविंद्र पाल बघेल से मारपीट मारपीट कर गहनों से भरा बैग लूट लिया। पुलिस ने इस मामले का कुछ देर बाद ही खुलासा कर दिया। जिसमें ड्राइवर रविंद्र पाल ने ही अपने रश्तिदार व दोस्तों के साथ मिलकर इस लूट की कहानी रची। जिस पर पुलिस ने रविंद्र पाल सहित, अजय पाल बघेल, अजय रजक, सतेंद्र यादव, विवेक यादव को आरोपित बनाया।
इस मामले में सतेंद्र यादव और विवेक यादव गहनों के साथ फरार हो गए थे। जिन्हें पुलिस लगातार खोजने में जुटी थी। लगभग डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद पुलिस ने सतेंद्र यादव निवासी बेला भवानीपुरा उत्तरप्रदेश के घर से पूरा माल बरामद कर लिया। वहीं सभी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया है। खुलासा के समय व्यापारी राहुल गोयल को भी मौके पर बुलाया गया। जिसे उसका पूरा माल दिखाया गया।
इस मामले में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती लूटे गए करोड़ों रुपये के गहने की बरामदगी थी। इन गहनों को लेकर चेंबर आफ कामर्स के सभी व्यापारियों ने फरवरी में आकर एसपी से भी मुलाकात की। तीन आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके थे। दो आरोपितों के लिए कई मध्यप्रदेश के कई शहरों सहित कई प्रांतों के शहरों में लगातार चक्कर काट रही थी। जिसके बाद आरोपित सतेंद्र हाथ आया, लेकिन गहने फिर भी बरामद नहीं हुए, क्यों कि इन गहनों का सतेंद्र को भी नहीं पता था, सतेंद्र ने बैग अपने पिता रविंद्र यादव उर्फ पहलवान को पकड़ा दिया था और भाग गया।
उधर पुलिस सतेंद्र के पिता पहलवान को पकड़ने में जुट गई है। जिसका लगभग 20 दिनों तक पता नहीं चला। जिसके बाद पहलवान जब हत्थे चढ़ा तो उसने घर के शौचालय में छुपाकर रखे गए गहनों को पुलिस को सौंपा। पुलिस ने पहलवान को भी इस मामले में आरोपित बनाया और एक अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
गहने खोजने पुलिस खेतों तक को जोत दिया
आरोपित विवेक यादव निवासी बड़ागांव ग्वालियर व सतेंद्र यादव बेला भवानीपुरा उत्तरप्रदेश दोनों ही फरार हुए थे। जिनकी पहचान होने के बाद पुलिस लगातार उनका पीछा कर रही थी। मुरैना पुलिस कई शहरों में दबिश दे रही थी। इस बीच पता चला कि आरोपित इस माल को खपा सकते है, जिस पर पुराने आरोपितों की भी पड़ताल की गई। पुलिस लगातार पीछा कर रही थी तो कोई भी पुराना बदमाश उनके माल को खपा नहीं सका।
जब आरोपित सतेंद्र आया तो उसे भी माल का पता नहीं था, जिस पर पुलिस ने बेला गांव में उसके खेत में खड़ी सरसों को काटा, इसके बाद ट्रैक्टर से जुतवाया, तब भी माल बरामद नहीं हो सका। उधर सतेंद्र का पिता पहलवान फरार था, जिसे गहनों का पता था, पुलिस ने पहलवान को कई दिनों की मेहनत के बाद पकड़ा। तब कहीं जाकर यह करोड़ों के गहने बरामद हो सके।
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