25 नए चेहरे, 12 महिलाएं, 6 मुस्लिम और अभिषेक की छाप… क्या ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल में होगा बेड़ा पार?
कांग्रेस को दरकिनार करते हुए टीएमसी ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. ममता बनर्जी ने बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट की सूची जारी कर दी है, जिनमें से 25 से अधिक पहली बार चुनावी मैदान में उतरेंगे. टीएमसी ने नए चेहरे पर दांव खेलकर मौजूदा सांसदों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को दबाने का प्रयास किया है. ममता बनर्जी ने बंगाल में अपनी जीत के फॉर्मूले डबल-एम यानि महिला और मुस्लिम पर भरोसा कायम रखा है, तो साथ ही स्टार और ग्लैमरस चेहरों को उतारा है. इतना ही नहीं, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं को टिकट देकर भविष्य के संकेत भी दे दिए हैं.
ममता बनर्जी ने बंगाल की सभी सीटों पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान करके अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की हुंकार भर दी है. टीएमसी बंगाल में कांग्रेस को दो से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी, जबकि कांग्रेस पांच सीटें मांग रही थी. ऐसे में दोनों के बीच तालमेल नहीं हो सका. टीएमसी ने बहरामपुर सीट से कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ क्रिकेटर यूसुफ पठान को प्रत्याशी बनाया है. आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा और दुर्गापुर से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को टिकट दिया है.
टीएमसी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए 16 मौजूदा सांसदों पर एक फिर से भरोसा जताया है जबकि बाकी 26 सीट पर नए चेहरे उतारे हैं. ममता बनर्जी ने अपने दो बड़े वोट बैंक मुस्लिम और महिलाओं पर पर बड़ा दांव खेला है. 6 मुस्लिम और 12 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं. इसके अलावा 2 क्रिकेटर और 6 फिल्मी स्टार को उतारे हैं. जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो ममता बनर्जी ने 10 दलित और तीन आदिवासी और दो ओबीसी समुदाय को टिकट दिया है. टीएमसी ने बशीरहाट लोकसभा सीट से एक्ट्रेस नुसरत जहां और जादवपुर सीट से एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती सहित पांच सांसदों का टिकट काट दिया है.
मुस्लिम-महिला पर ममता का दांव
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के सियासी समीकरण और टीएमसी को जिस मुस्लिम और महिला फॉर्मूले से जीत मिल रही है, उसका पूरा ख्याल रखा है. ममता ने 12 महिलाओं और 6 मुस्लिम नेताओं को लोकसभा चुनाव में टिकट दिया है. 2019 में टीएमसी ने 17 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन 2024 में पांच कम हो गई हैं. कोलकाता साउथ से माला रॉय, जादवपुर से सायोनी घोष, जॉयनगर से प्रतिमा मंडल, कृष्णानगर से महुआ मोइत्रा, मेदिनीपुर से जून मालिया, उलुबेरिया से सजदा अहमद, बर्धमान पुरबा से डॉ शर्मिला सरकार, बीरभूम से शताब्दी रॉय, बिष्णुपुर से सुजाता मंडल, आरामबाग से मिताली बाग और हुगली से रचना बनर्जी को टिकट दिया है.
टीएमसी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में पांच मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं, जिनमें बहरामपुर से यूसुफ पठान, मालदा दक्षिण से शाहनवाज अली रेहान, जांगीपुर से खलीलुरर्हमान, बशीरहाट से हाजी नुरुल इस्लाम, उलूबेड़िया से सजदा अहमद और मुर्शिदाबाद से अबु ताहिर खान का नाम शामिल है. बंगाल में करीब 30 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जिसे साधे रखने का दांव टीएमसी ने चला है. 2011 से मुस्लिम समुदाय एकमुश्त टीएमसी का वोट देता है. लोकसभा चुनाव से ठी पहले पीएम मोदी ने महिला आरक्षण का दांव चला है, तो अब टीएमसी ने महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है.
ग्लैमरस चेहरे पर ममता का भरोसा
टीएमसी को हमेशा से ही ग्लैमरस चेहरों के सहारे चुनावी जंग फतह करती रहीं, जिसमें क्रिकेटर और अभिनय की दुनिया से चेहरे तलाशती रही हैं. ममता बनर्जी ने इस बार दो पूर्व क्रिकेटर और छह फिल्मी सितारों को प्रत्याशी बनाया है. बंगाली फिल्म स्टार रचना बनर्जी को हुगली सीट से प्रत्याशी बनाया है. रजना लोकप्रिय शो ‘दीदी नंबर 1’ की मेजबानी करती हैं और अब सियासी पिच पर बीजेपी की लॉकेट बनर्जी से दो-दो हाथ करेंगे.
जादवपुर से सांसद मिमी चक्रवर्ती के बजाय सयानी घोष पर भरोसा जताया है. जानी-मानी अभिनेत्री जून मालिया को मिदनापुर से प्रत्याशी बनाया है. टॉलीवुड के सुपर स्टार दीपक अधिकारी (देव) को घाटल सीट, तो शताब्दी रॉय को बीरभूमि से उम्मीदवार बनाया है. आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा, दुर्गापुर से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद तो बहरामपुर से यूसुफ पठान को टिकट दिया है.
टीएमसी लिस्ट पर अभिषेक की छाप
टीएमसी उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की छाप साफ झलक रही है कि कैसे उनके तमाम करीबी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा गया है. टीएमसी की लिस्ट देखें तो अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं में देबांगशु भट्टाचार्य, सायोनी घोष, शाहनवाज अली रेहान और पार्थ भौमिक को उम्मीदवार बनाया गया है. टीएमसी के उम्मीदवारों की सूची में शामिल ज्यादातर नए चेहरे, खासकर वे जो संगठन से उभरे हैं, उन्हें अभिषेक बनर्जी का पसंद माना जा रहा है. ममता बनर्जी जिस समय उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने से पहले अभिषेक बनर्जी को बुलाया और उसके बाद एक-एक करके नाम घोषित किया. माना जा रहा है कि ममता ने अपने भतीजे के लिए सियासी जमीन तैयार ही नहीं करने बल्कि उन्हें भविष्य के नेता के तौर पर स्थापित करना शुरू कर दिया.
बीजेपी पृष्ठभूमि वाले नेता पर भरोसा
ममता बनर्जी ने दलबदलू नेताओं को भी टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है, जिसमें सात कैंडिडेट कभी न कभी बीजेपी में रहे हैं. ममता ने जिन बीजेपी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट दिया है, उसमें शत्रुघ्न सिन्हा बिहार की पटना साहिब सीट से सांसद रहे हैं और आसनसोल से टीएमसी प्रत्याशी हैं. दरभंगा सीट से बीजेपी के सांसद कीर्ति आजाद को टीएमसी ने बर्धमान-दुर्गापुर से मैदान में उतारा है. रायगंज से बीजेपी विधायक कृष्णा कल्याणी को रायगंज से, राणाघाट से राणाघाट दक्षिण विधायक मुकुट मणि अधिकारी, बीजेपी के सांसद सौमित्र की पूर्व पत्नी सुजाता मंडल बिष्णुपुर से उनके पति के सामने उतारा है. बंगाण उत्तर सीट के पूर्व विधायक बिस्वजीत दास को बनगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. हरिरामपुर से विधायक बिप्लब मित्रा को बालुरघाट से टिकट दिया है.
टीएमसी के किन सांसदों का टिकट कटा
टीएमसी ने 2019 में जीते हुए 21 सांसदों में से 16 को एक फिर से चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि सात सांसदों का टिकट काट दिया है. बशीरहाट से सांसद नुसरत जहां, जादवपुर से सांसद मिमी चक्रवर्ती, मथुरापुर से सांसद चौधरी मोहन जटुआ, बैरकपुर से अर्जुन सिंह और आरामबाग से सांसद अपरूपा पोद्दार को कैंडिडेट नहीं बनाया है. कांथी और तमलुक के तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी दिसंबर, 2020 में उनके परिवार के सदस्य सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद से पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं. इन दोनों सांसदों के नाम पार्टी की सूची में नहीं है. टीएमसी ने जिन सांसदों पर भरोसा जताया है, उसमें तीन बार के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, सताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार को क्रमश: उतर कोलकाता, दमदम, बीरभूम, सेरामपुर एवं बारासात से दोबारा टिकट दिया गया है.
जातीय समीकरण का कितना ख्याल?
पश्चिम बंगाल के सियासी समीकरण को देखते हुए ममता बनर्जी ने उम्मीदवारों के चयन में उसका पूरा ख्याल रखा है. ममता बनर्जी ने 10 दलित, तीन आदिवासी और दो ओबीसी समुदाय से प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि पांच मुस्लिम और बाकी सभी सामान्य जाति के उम्मीदवार हैं. दलित समुदाय से जगदीश सी बासुनिया, निर्मल रॉय, मुक्तमणि अधिकारी, प्रतिमा मंडल, बापी हल्दर, मिताली बाग, सुजॉता मंडल, शर्मिला सरकार, असित कुमार मल और बिश्वजीत दास हैं. आदिवासी समुदाय से प्रकाश चिक बारिक, गोपाल लामा और कलपड़ा सोरेन उम्मीदवार हैं, जबकि ओबीसी समुदाय से उत्तम बारिक और शांतिराम महतो को टिकट मिला है. इस तरह से टीएमसी ने दलित और आदिवासी समुदाय को उनके लिए सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है.
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