अश्विन ने 100वें टेस्ट से पहले टीम इंडिया पर ही सवाल खड़े कर दिए, रोहित-द्रविड़ को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा
भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच खेला जाना है. ये मैच सात मार्च से शुरू होगा जो भारत के बेहतरीन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के करियर का 100वां टेस्ट मैच होगा. अश्विन भारत के सबसे सफल गेंदबाजों में दूसरे नंबर पर हैं. भारत के लिए टेस्ट में अनिल कुंबले ने सबसे ज्यादा 619 विकेट लिए हैं. उनके बाद अश्विन का नंबर है. अश्विन ने जब रांची में खेले गए पिछले टेस्ट मैच में टेस्ट में अपने 500 विकेट पूरे किए थे तब कुंबले ने कहा था कि अश्विन काफी पहले ये काम कर सकते थे लेकिन उन्हें लगातार मौके नहीं मिले. कुंबले की बात पर अश्विन ने जो कहा उसमें उनका दर्द साफ छलकता दिख रहा है.
अश्विन ने कहा कि इस खेल में गेंदबाजों की तुलना में बल्लेबाजों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है. उन्होंने माना कि उन्हें बाकी खिलाड़ियों की तुलना में अपने आप को साबित करने के कम मौके मिले. अश्विन ने साथ ही कहा कि अब हालांकि वह इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते.
दूसरों को क्यों मिले ज्यादा मौके?
अश्विन ने कहा कि वह कॉन्ट्रोवर्सियल साउंड नहीं करना चाहते, लेकिन वह इसकी तुलना काफी चीजों से कर सकते हैं. अश्विन को लगता है कि बल्लेबाजों को प्राथमिकता मिलती है लेकिन गेंदबाजों को नहीं. उन्होंने कहा कि ये बात उनके दिमाग में काफी चलती थी कि उन्हें फेल होना का एक ही मौका मिलता है लेकिन दूसरों को ज्यादा मौके मिलते हैं. अश्विन ने कहा कि अब हालांकि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह मानते हैं कि जीत के लिए पूरी टीम के प्रयास की जरूरत होती है.
इस बात से हैं खुश
अश्विन ने कहा कि अगर वह खेल नहीं रहे होते हैं और टीम पांच दिन बाद जीतती है तो वह ड्रैसिंग रूम में सबसे ज्यादा खुश खिलाड़ी होते हैं. उन्होंने कहा कि जब वह युवा थे तब भारतीय टीम की जर्सी पहनना उनका सपना होता था. उन्होंने कहा कि वह आज जिस मुकाम पर हैं उस स्थिति में अपने हित को टीम हित के ऊपर नहीं रख सकते. उन्होंने माना कि निराशाभरे दिन रहे, लेकिन उन्होंने ऐसी स्थितियों से डील करना सीख लिया है. अश्विन ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि वह भारत के महान खिलाड़ियों के साथ खेले.
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