चांद से चीन का खौफनाक प्लान, 60 करोड़ कैमरों से करेगा नागरिकों की जासूसी

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमेशा अपनी कुर्सी जाने का खतरा लगा रहता है और इसीलिए वह अपने अधिकारियों के साथ-साथ तमाम देशवासियों पर निगरानी रखते हैं. वहां पर लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है, वहां बोलने की आजादी नहीं है, विरोध करने की आजादी नहीं है और वहां की सरकार जो भी फैसला करे उसे सभी को मानना होता है. अब चीन अपने नागरिकों की निगरानी के लिए ऐसा काम करने जा रहा है, जो इससे पहले कभी किसी ने नहीं किया. चीन चंद्रमा से अपने लोगों की निगरानी की योजना बना रहा है.

ब्रिटिश न्यूजपेपर द सन के मुताबिक, सर्विलांस का ये मून मिशन चीन की सत्ता को अगले पचास साल तक बनाए रखने के लिए किया जा रहा है. चीन का मून मिशन चांग-ई 2007 से चल रहा है और अब चीन ने मून मिशन का दायरा बढ़ा दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, चीन के नागरिकों की अब चांद से जासूसी की जाएगी. इसके साथ ही ड्रैगन अपने दुश्मन देशों पर भी यहां से नजर रख सकता है. चीन पहले भी अपने नागरिकों की जासूसी करता था.

देशभर में लगेंगे 20 करोड़ से ज्यादा कैमरे

चीन की राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली “स्काईनेट प्रोजेक्ट” के तहत देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर 20 करोड़ से अधिक कैमरे तैनात हैं, जोकि ‘लाइव निगरानी और रिकॉर्डिंग’ करते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा निगरानी नेटवर्क है, इसे “चीन की रक्षा करने वाली आंखें” कहा जाता है. चीन की तरफ से कहा जाता है कि यह अपराधियों पर नजर रखने के लिए है, लेकिन शी जिनपिंग इसका उपयोग अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने और अपने दुश्मनों पर नजर रखने के लिए करते हैं.

कैसे करेगा काम

चीन ने इस प्रोग्राम का नाम स्काईनेट दिया है और यह एआई-संचालित चिप्स से लैस होंगे. स्काईनेट में 60 करोड़ से अधिक कैमरों को यूज किया जाएगा. बताया जा रहा है कि हर व्यस्क चीनी नागरिक की निगरानी के लिए कम से कम दो कैमरे होंगे और यह देश के हर कोने को कवर करेगा. ये कैमरे (जिनमें से प्रत्येक का वजन केवल 100 ग्राम) एआई-संचालित चिप्स से लैस होंगे जो “संदिग्ध लक्ष्यों की स्वतंत्र रूप से पहचान करेंगे और उसको टॉरगेट करेंगे. बताया गया है कि कुछ भी संदिग्ध होने पर सिस्टम “तुरंत अलार्म सिग्नल भेजा और उचित प्रतिक्रिया उपाय शुरू करेगा. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह उपाय क्या होंगे.

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के वैज्ञानिकों ने कहा कि स्काईनेट को चंद्रमा पर ले जाने की चीन की योजना उसके प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन की दीर्घकालिक स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की इच्छा से उभरी है. चांद पर चीन का बेस डिज़नीलैंड से भी बड़ा है, जोकि 3.7 मील में फैला है और इसमें एक कमांड सेंटर, एक पावर स्टेशन, एक संचार केंद्र, वैज्ञानिक सुविधाएं और रोबोटों का एक बेड़ा शामिल है. इसके पास रिमोट सेंसिंग, नेविगेशन और संचार के लिए अपने स्वयं के उपग्रह भी होंगे.

चीन की तरफ से कहा गया है कि स्काईनेट प्रणाली एक प्राचीन चीनी कहावत में निहित है, जो सर्वव्यापी न्याय के सिद्धांत का प्रतीक है. इसमें कहा गया है कि कानून सर्वदर्शी है और गलत काम करने वालों को अंततः प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.