सीएम ने किया व्यापार मेला व विक्रमोत्सव का शुभारंभ, लाड़ली बहनों के खाते में ट्रांसफर की राशि, क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन भी आरंभ
उज्जैन। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज उज्जैन में दो दिवसीय क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन, 40 दिवसीय विक्रमोत्सव और व्यापार मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम कालिदास अकादमी में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअली जुड़े । इस दौरान 17 उद्योगों का भूमि पूजन, 8 उद्योगों का लोकार्पण और वीर भारत संग्रहालय का शिलान्यास किया गया।
इसके साथ ही सिंगल क्लिक से 1 करोड़ 29 लाख ‘लाड़ली बहनों’ के बैंक खातों में 1576 करोड़ की राशि जारी की।भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित काफी टेबल बुक ‘आर्ष भारत एवं विक्रम पंचांग’ (विक्रम सम्वत् 2081) का लोकार्पण किया।
इस दौरान सिंधिया ने कहा कि उज्जैन को धार्मिक और अध्यात्म का केंद्र नहीं हमें उज्जैन को व्यापार और व्यवसाय का केंद्र भी बनाना है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को लेकर सिंधिया ने कहा कि जो काम पिछले तीस साल से उलझा था, उसे सीएम मोहन यादव ने 60 दिन में हल कर दिया।
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने उद्बोधन में कहा कि आज उज्जैन में विक्रमोत्सव, व्यापार मेला और उद्योग सम्मेलन का शुभारंभ कर मध्यप्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने को मशाल उठाई है। मुझे गर्व है कि मैं उस संस्कृति का संवाहक हूं जो अतीत पर गर्व करती है, जो पेड़, पर्वत, नदी, जमीन सब में जीव ढूंढती है। काल की नगरी महाकाल नगरी उज्जैन की किसी से कोई होड़ नहीं हो सकती। परंपरा है यहां शिप्रा में स्नान करो, मंगलनाथ पर जल चढ़ाओ, बाबा महाकाल कृपा करेंगे।
कार्यक्रम में सुष्म, लघु एवम मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री चेतन कश्यप, संस्कृति विभाग के राज्यमंत्री धर्मेंद्र भव सिंह लोधी, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, चिंतामन मालवीय, सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव मंचासीन थीं।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि कालिदास ने ग्रंथों के माध्यम से उज्जैन की गाथा गाई। साथ ही उन्होंने इस दौरान उज्जैन का पौराणिक और धार्मिक महत्व बताया। साथ ही उन्होंने सिंधिया राजवंश द्वारा उज्जैन में करवाए धार्मिक स्थलों के विकास कार्यों को याद किया।
सीएम यादव ने कहा कि जिस तरह से ग्वालियर का मेला पशु मेले से शुरू होकर इतना विकसित हो चुका है। ठीक उसी तरह उज्जैन मेले को भी विकसित किया जाएगा। सीएम ने कहा अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका। उज्जैन, दुनिया के सात सबसे पवित्र नगरों में से एक है।
सम्मेलन में तीन हजार उद्यमियों एवम व्यापारियों संग यूएसए, फिजी, मंगोलिया सरकार के प्रतिनिधि, जापान और जर्मन के बिजनेस प्रतिनिधियों के शामिल होने का दावा किया गया है। सीएम के समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण कार्यक्रम देर से आरंभ हुआ।
इस बीच लोगों को डमरू धुन सुनाई गई। वहीं एक दिन पहले प्रधानमंत्री द्वारा किए 17000 करोड़ रूपये के कार्यों के भूमिपूजन एवम लोकार्पण समारोह का वीडियो भी दिखाया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उज्जैन-इंदौर में लगने जा रहे खाद्य प्रसंस्करण, प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल, मेडिकल डिवाइसेस, टेक्निकल टेक्सटाइल सरीके 17 उद्योगों का भूमि पूजन, नए 8 उद्योगों का लोकार्पण, कोठी महल में खुलने जा रहे वीर भारत संग्रहालय का वर्चुअल शिलान्यास किया। साथ ही भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित काफी टेबल बुक ‘आर्ष भारत एवं विक्रम पंचांग’ (विक्रम सम्वत् 2081) का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं खाते में राशि ट्रांसफर भी की। गौरतलब है कि हर माह 10 तारीख को यह राशि जारी की जाती है, लेकिन इस बार एक तारीख को सरकार ने यह राशि ट्रांसफर करने का फैसला लिया था।
व्यापार मेले में सस्ते मिलेंगे वाहन
दशहरा मैदान और शासकीय शिक्षा महाविद्यालय के पास होने वाले व्यापार मेले में 400 से अधिक ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक, हस्तशिल्प उत्पाद, खान-पान की दुकानें लगाई जाएगी। कहा गया है कि मेले में वाहन सस्ते मिलेंगे। पंजीयन शुल्क और रोड टैक्स आधा लगेगा।
उद्योगपतियों से करेंगे मिनट टू मिनट चर्चा
इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को यानी 2 मार्च को को सुबह 10.30 बजे से 12.30 बजे तक उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। इस दौरान धार्मिक और फिल्म पर्यटन, फार्मा, मेडिकल डिवाइसेस के अवसर और चुनौतियों पर चर्चा होगी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.