नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है. वह 73 साल के हो गए हैं. बिहार के एक छोटे से गांव में जन्मे नीतीश कुमार ने छात्र नेता से बिहार के सीएम तक का सफर पूरा किया है. वह पिछले 18 सालों से बिहार के सीएम है. ( इसमें करीब एक साल जीतनराम मांझी का कार्यकाल रहा है) 2005 में जब नीतीश कुमार जंगल राज भगाने का नारा दे रहे थे तब उनकी पार्टी ने 88 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ( 2005 के दूसरे चुनाव में) ये आंकड़ा पांच साल बाद 115 तक पहुंच गया था. तब बिहार की जनता ने जोर-शोर से नीतीश कुमार के सुशासन पर मुहर लगाई और 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू को 115 और उसके सहयोगी पार्टी बीजेपी को 91 सीटों पर जीत दिलाई. 15 सालों तक बिहार में शासन करने वाली आरजेडी की तब 22 सीटें थी. 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी के महज 43 विधायक जीते. ये नीतीश कुमार की राजनीति का ही कमाल है कि 43 सीट जीतने के बाद भी वह बिहार के सीएम हैं और 75 सीट जीतने वाली आरजेडी और 74 सीट जीतने वाली बीजेपी बारी-बारी से समर्थन कर उन्हें सीएम की कुर्सी पर बैठा रही है.
नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा गांव के रहने वाले नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर में हुआ था. नीतीश कुमार ने राजनीति में आने से पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के लिए काम भी किया है. 70 के दशक में वो कांग्रेस की इंदिरा सरकार के खिलाफ जयप्रकाश नारायण के जन अभियान में शामिल हो गए. छात्र आंदोलन से शुरू हुआ राजनीतिक सफर बिहार के सीएम तक पहुंचा. बिहार में सबसे ज्यादा दिनों तक सीएम रहने का रिकॉर्ड उनके नाम है. इसके साथ ही सबसे ज्यादा बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम ही है.
9 बार सीएम पद की शपथ
नीतीश कुमार ने 9 बार सीएम पद की शपथ ली है. पहली बार वह 2 मार्च 2000 को बिहार का सीएम बने. वह महज सात दिन ही पद पर रहे. विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए. बाद में राबड़ूी देवी कांग्रेस और वाम दलों के सहयोग से मुख्यमंत्री बनीं. दूसरी बार-24 नवंबर 2005 से 26 नवंबर 2010. पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. तीसरी बार नवंबर 2010 से मई 2014. लोकसभा में बिहार में बीजेपी की जीत के बाद इस्तीफा देकर जीतनराम मांझी को सीएम बनाया. चौथी बार फरवरी 2015 से नवंबर 2015. इसके बाद पांचवीं बार लालू यादव के साथ नवंबर 2015 से जुलाई 2017. छठी बार फिर बीजेपी के साथ जुलाई 2017 से नवंबर 2020. सावतीं बार नवंबर 2020 से अगस्त 2022. एक बार फिर महागठबंधन की सरकार के नेता के तौर पर आठंवी बार अगस्त 2022 से जनवरी 2024 और अब फिर बीजेपी के साथ नौंवी बार जनवरी 2024 से अब तक.
नीतीश कुमार के बारे में कुछ अनकही बातें
नीतीश कुमार ने 22 फरवरी 1973 को मंजू देवी से दहेज मुक्त शादी किया था. तब उनकी शादी कार्ड में लिखा था- ‘तिलक दहेज एवं शोषण युक्त कुप्रथाओं से मुक्त एक आदर्श विवाह. विवाह पूरी सादगी के साथ विवाह अनुबंधक (पटना) के समक्ष होगा. एक आग्रह- पुष्प माला एवं आशीर्वचन के अतिरिक्त किसी प्रकार के उपहार का आदान-प्रदान नहीं होगा.’
खाने के शौकीन नीतीश
नीतीश कुमार के मित्र उदयकांत ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि नीतीश कुमार खाने पीने के बहुत शौकीन थे. वह तीन चार बार खाना और चार पांच बार तक नाश्ता करते थे. पटना की किस गली में और कौन सी दुकान में सस्ता और अच्छा खाना मिलता है ये नीतीश कुमार को पता रहता था. नीतीश कुमार को साफ सुथरा रहना पसंद है. उनके मित्र बताते हैं वह अपने चप्पल भी रोज साफ करते थे. गांव में वह कबड्डी और गुल्ली डंडा खेलना पसंद करते थे
जंगलराज में कानून राज-नीतीश की बड़ी उपल्बधि
नीतीश कुमार जब 2005 में बिहार के सीएम बने तब बिहार की कानून व्यवस्था इतनी खराब थी कोर्ट ने इसे जंगलराज की संज्ञा दी. नीतीश कुमार ने सबसे पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया. तब उन्हे सुशासन बाबू का नाम मिला. सड़कों का काया कल्प हुआ. पंचायत चुनाव में 50 फीसदी महिलाओं को आरक्षण, बालिका साइकिल, स्कूलों में पोशाक योजना देशभर में नजीर बना. बिहार जैसे गरीब राज्य का आर्थिक विकास समृद्ध राज्यों से अधिक होने पर नीतीश सरकार के अर्थव्यवस्था की भी तारीफ हुई. बाद में बार-बार गठबंधन बदलने की वजह से उनकी छवि को नुकसान हुआ. उनके धुर विरोधी लालू यादव ने उन्हें पलटूराम कहा.
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