मराठों को आरक्षण देने की मांग को लेकर मराठा नेता मनोज जरांगे लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अब उनके चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है.बुधवार को महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की अहम बैठक हुई. इस बैठक में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई. इस बैठक में वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता भी शामिल हुए. वंचित बहुजन अघाड़ी ने मांग की कि मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जालना से उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए. साथ ही वंचित बहुजन अघाड़ी ने बिना किसी पार्टी से गठबंधन किए 27 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है.
बैठक में वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर से उन लोकसभा क्षेत्रों की सूची भी दी गयी है. दिलचस्प बात यह है कि वंचित बहुजन अघाड़ी ने महाविकास अघाड़ी को 4 अहम प्रस्ताव दिए हैं. यह देखना अहम होगा कि महाविकास अघाड़ी के नेता इस पर क्या रुख अपनाते हैं.
मराठा नेता जरांगे को उम्मीदवार बनाने की मांग
वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रवक्ता दारिवर्धन पुंडकर ने महाविकास अघाड़ी की बैठक के बाद मीडिया को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,हमने पिछले जून-जुलाई में निर्वाचन क्षेत्रों की एक सूची तैयार की थी. हमने वह सूची महाविकास अघाड़ी को दे दी है. इनमें से कुछ सीटों को छोड़कर हम अन्य सीटों पर महाविकास अघाड़ी के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ”इसके साथ ही हमने 4 और मांगें रखी हैं. जालना लोकसभा क्षेत्र से मनोज जारांगे पाटिल और पुणे लोकसभा क्षेत्र से डॉ. यह प्रस्ताव रखा गया कि अभिजीत वैद्य महाविकास अघाड़ी के साझा उम्मीदवार हों. हमने कुल 27 सीटों का प्रस्ताव दिया है. इनमें से कुछ सीटों के अलावा, हम अन्य सभी सीटों पर चर्चा के लिए तैयार हैं.”
वंचित बहुजन अघाड़ी ने क्या दिया प्रस्ताव?
जालना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से मनोज जरांगे पाटिल और डॉ. अभिजीत वैद्य को आम उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए.
महाविकास अघाड़ी की उम्मीदवार सूची में कम से कम 15 ओबीसी उम्मीदवार होने चाहिए.
महाविकास अघाड़ी के प्रत्येक घटक दल को एक लिखित वचन देना चाहिए कि न तो पार्टी और न ही उसका चुना हुआ उम्मीदवार चुनाव से पहले और बाद में भाजपा में शामिल होगा.
कम से कम 03 अल्पसंख्यक उम्मीदवार होने चाहिए. हम उन जगहों पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
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