विदिशा/ रायसेन। लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को रायसेन में सांसद की उम्मीदवारी के लिए रायशुमारी की, जिसमें संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठों विधानसभा क्षेत्र के करीब डेढ़ सौ पदाधिकारी शामिल हुए। इस रायशुमारी में सबसे ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री और इस क्षेत्र के पांच बार सांसद रह चुके शिवराज सिंह का नाम रहा। दूसरे नंबर पर रमाकांत भार्गव और तीसरे नंबर पर पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का नाम रखा गया है।
मालूम हो, केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सोमवार को पूरे प्रदेश में सभी 29 संसदीय क्षेत्रों के लिए रायशुमारी आयोजित की गई थी। इसी के चलते सोमवार दोपहर को राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार और केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया रायसेन स्थित जिला भाजपा कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने विदिशा, गंजबासोदा, सांची, सिलवानी, भोजपुर, इछावर, बुदनी और खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों से चर्चा की।
वन टू वन चर्चा में पदाधिकारियों को एक पर्ची दी गई थी, जिसमें सांसद प्रत्याशी के लिए तीन नेताओं के नाम लिखकर देना था। सूत्रों के मुताबिक इस रायशुमारी में अधिकांश लोगों ने पहले नंबर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम लिखा है। भाजपा सूत्रों के अनुसार यह नाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे जाएंगे।
इस रायशुमारी में क्षेत्र के विधायक, पूर्व विधायक, जिला और जनपद पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष सहित जिला पदाधिकारियों को बुलाया गया था। अगले माह घोषित हो सकते है प्रत्याशी विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में भी भाजपा समय से पहले ही प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के दौरे पर आए थे। तभी उन्होंने पूरे प्रदेश में एक दिन के भीतर रायशुमारी करने के निर्देश दिए थे। इसी के बाद मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को भी रायशुमारी में शामिल होने के निर्देश दिए थे। सोमवार को रायशुमारी के बाद पर्यवेक्षकों को अपनी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा कार्यालय में जमा करना है और इसी दिन रात तक यह रिपोर्ट दिल्ली भेजा जाना है।
18 वर्षों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की संसदीय क्षेत्र पर पकड़ आज भी बरकरार है। विदिशा से तो उनका शुरू से ही लगाव रहा है लेकिन वे। संसदीय क्षेत्र के अन्य जिलों में भी उतने ही सक्रिय रहे है। शिवराज ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई के इस्तीफे के बाद पहली बार वर्ष 1991 में इसी संसदीय क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीत हासिल की थी। इसके बाद वे वर्ष 1996, 1998, 1999,2004 और 2006 में लगातार पांच बार सांसद चुने गए। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस संसदीय क्षेत्र में पिछले 34 वर्षों से भाजपा का कब्जा है।
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