उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा को शनिवार को रद्द कर दिया गया है. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि छह माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी. मुख्यमंत्री का कहना है कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, इस समय पेपर लीक वाले एसटीएफ की रडार में हैं. अब तक कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. युवा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे थे.
यूपी सरकार के गृह विभाग की ओर से बताया गया कि पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में तथ्यों की जांच परख के बाद पारदर्शिता के उच्च मापदंडों को ध्यान रखते हुए भर्ती को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. सरकार ने भर्ती बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. साथ ही साथ कानूनी कार्रवाई की जाए.
सरकार ने बताया है कि पेपर लीक की जांच एसटीएफ से कराए जाने का फैसला लिया है. दोषी पाए जाने वाले शख्स के खिलाफ कड़े एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी सरकार ने कहा है अगले छह महीने में होने वाली भर्ती के लिए परिवहन विभाग से कहा गया है कि अभ्यर्थियों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे, ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.
प्रियंका गांधी ने पेपर लीक को लेकर उठाए थे सवाल
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपल लीक होने के बाद लगातार इस रद्द की मांग हो रही थी. कई परीक्षार्थियों का आरोप था कि एग्जाम से पहले पेपर लीक हो गया था. पुलिस भर्ती बोर्ड इन आरोपों की जांच कर रहा है. साथ ही सा पेपर लीक के खिलाफ परीक्षार्थी विभिन्न जिलों में धरना प्रदर्शन कर रहे थे. भर्ती रद्द होने के बाद उन्हें राहत मिली है.
वहीं, पेपर लीक के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. प्रियंका गांधी प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे. प्रियंका गांधी ने पूछा था कि क्या चांद और मंगल पर जाने वाला हमारा देश एक फुलप्रूफ परीक्षा नहीं करा सकता? उन्होंने मामले की CBI जांच कराने की मांग की थी. इसके अलावा प्रियंका ने परीक्षा कैलेंडर जारी करने की भी मांग की थी. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की थी कि युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म फ्री में दिए जाएं.
48 लाख से भी अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा
परीक्षा देने वाले लाखों नौजवानों ने पेपर लीक होने की शिकायत की थी. यूपी बोर्ड के मुताबिक, अब तक 1495 शिकायतें मिली थीं. शुरुआत में पुलिस भर्ती बोर्ड पेपर लीक होने की खबरों को खारिज कर रहा था. हंगामा बढ़ता देख जांच के लिए कमेटी गठित की गई. आपको बता दें 48 लाख से भी अधिक अभ्यर्थियों ने फार्म भरे थे. काफी मुसीबतों का सामना करते हुए परीक्षा भी दी थी, लेकिन पेपर लीक की शिकायतों के बाद इनके भविष्य पर ग्रहण लग गया था. नौकरी मिलने की आस लगाए युवाओं को निराशा हाथ लगी इसलिए युवा सड़क पर उतरकर इंसाफ की मांग कर रहे थे.
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