देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार को समाप्त हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित ज्यादातर सदस्यों का निर्विरोध चुना जाना तय है. नामांकन खत्म होने के साथ अब राज्यसभा चुनाव की काफी हद तक तस्वीर साफ हो चुकी है. 15 राज्यों में से 11 राज्यों में 35 निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने जा सकते हैं, जबकि चार राज्यों में 27 फरवरी को वोटिंग से नतीजे तय होंगे. यूपी, कर्नाटक, हिमाचल और महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल होगा.
राज्यसभा के जिन 15 राज्यों की 56 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होने हैं, उनमें यूपी की दस सीटों के अलावा महाराष्ट्र-बिहार की 6-6, मध्य प्रदेश-पश्चिम बंगाल की 5-5 सीटें हैं. कर्नाटक-गुजरात में 4-4 सीटें हैं. ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 3-3 सीटों पर चुनाव हैं. इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की भी 1-1 सीट पर चुनाव है.
राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया गुरुवार शाम खत्म हो गई है और 20 फरवरी तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं. यूपी, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में निर्धारित सीट से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. यूपी, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की ओर से जीत की संभावना के अतिरिक्त (संख्या बल के हिसाब से) एक-एक उम्मीदवार ज्यादा उतारे जाने से इन राज्यों में मुकाबला रोचक हो गया है, तो महाराष्ट्र में निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में उतरने से चुनाव दिलचस्प हो गया है.
यूपी में बीजेपी-सपा में शह-मात
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर 11 उम्मीदवार मैदान में है. सपा की तरफ से तीन प्रत्याशी जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन हैं. बीजेपी के 8 प्रत्याशियों ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है. बीजेपी से आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ शामिल हैं. सूबे के मौजूदा विधायकों के आधार पर बीजेपी की सात और सपा के दो उम्मीदवार की जीत तय है. इस तरह से 10वीं सीट के लिए बीजेपी और सपा के बीच शह-मात का खेल होगा.
बीजेपी को अपने आठवें और सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए अतिरिक्त वोटों की मशक्कत करनी होगी. एक राज्यसभा सीट के लिए 37 वोटों की जरूरत है. सूबे में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के साथ आरएलडी के आने के बाद उनके पास 286 विधायकों का समर्थन है, तो सपा के साथ 110 विधायकों का समर्थन हासिल है. ऐसे में सपा को दो सीट जीतने के बाद अपनी तीसरी राज्यसभा सीट जीतने के लिए महज एक अतिरिक्त विधायक का समर्थन जुटाना होगा. वहीं, बीजेपी को अपने आठवें कैंडिडेट को जिताने के लिए आरएलडी के साथ आने के बावजूद 8 विधायकों का अतिरिक्त वोट चाहिए होगा.
कर्नाटक में बीजेपी-कांग्रेस में फाइट
कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों पर पांच उम्मीदवार मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस ने तीन राज्यसभा प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें अजय माकन, सैयद नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर शामिल हैं. वहीं, बीजेपी और जेडीएस गठबंधन ने नारायणा कृष्णासा भांडगे और कुपेंद्र रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है. कर्नाटक में एक राज्यसभा सीट के लिए 45 विधायकों का वोट चाहिए. सूबे की 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 135, बीजेपी के 66, जेडीएस के 19 और चार अन्य विधायक हैं. इस लिहाज से कांग्रेस की तीन राज्यसभा सीटों के लिए पर्याप्त नंबर हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर बना हुआ है. बीजेपी को अपनी दूसरी सीट जिताने के लिए जेडीएस विधायकों का समर्थन जुटाने के बाद भी 5 विधायकों के अतिरिक्त वोट चाहिए होंगे.
हिमाचल में बीजेपी-कांग्रेस में लड़ाई
हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है.कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी मैदान में हैं, तो बीजेपी ने पूर्व मंत्री हर्ष महाजन को उतार रखा है. बीजेपी ने सिंघवी के निर्विरोध राज्यसभा में निर्वाचित होने की कांग्रेस की आशा को धूमिल कर दिया. इसके चलते अब सिंघवी और महाजन के बीच सीधी फाइट होगी. कांग्रेस के पास राज्यसभा सीट जीतने के लिए पर्याप्त विधायक हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग होती है तो फिर सिंघवी की टेंशन बढ़ सकती है.
महाराष्ट्र में निर्दलीय बढ़ा रहे टेंशन
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों पर कुल सात प्रत्याशी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी की तरफ से अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और डॉ. अजित गोपछडे मैदान में है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओर से मिलिंद देवडा और अजित पवार गुट एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे ने राज्यसभा के लिए किस्मत आजमा रहे हैं. विश्वास जगताप ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करके मुकाबले को रोचक बना दिया है, लेकिन उनके नामांकन में अगर 10 विधायकों के समर्थन के हस्ताक्षर नहीं होंगे तो नामांकन रद्द हो सकता है. जगताप का नामांकन रद्द होता है तो सभी सदस्य निर्विरोध चुन लिए जाएंगे, लेकिन अगर हस्ताक्षर रहता है तो फिर 27 फरवरी को वोटिंग के जरिए फैसला होगा.
11 राज्यों में चुने जाएंगे 35 निर्विरोध राज्यसभा सदस्य
देश के 15 राज्यों में से 11 राज्यों की जितनी राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहे हैं, उस पर उतने ही प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. बिहार की छह सीट के लिए छह प्रत्याशी मैदान में है, जिनमें आरजेडी से दो, बीजेपी से दो, कांग्रेस से एक और जेडीयू के एक-एक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया है. पश्चिम बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें टीएमसी से चार और बीजेपी से एक कैंडिडेट है. मध्य प्रदेश की 5 राज्यसभा सीट पर 5 प्रत्याशी ही किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें से चार बीजेपी के कैंडिडेट हैं, तो एक कांग्रेस से है. इन सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है, क्योंकि कोई अतिरिक्त कैंडिडेट मैदान में नहीं है.
गुजरात की चार राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहे हैं और चार प्रत्याशी मैदान में हैं. चारों कैंडिडेट बीजेपी से हैं, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस बार गुजरात से राज्यसभा में पहुंचेंगे. राजस्थान की तीन राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहे हैं और तीन ही प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी से दो कैंडिडेट, तो कांग्रेस से सोनिया गांधी इकलौती उम्मीदवार है. इन सभी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है. उत्तराखंड, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में एक-एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहे हैं, बीजेपी ने यहां पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिनके सामने कोई भी दल चुनाव में नहीं उतरा है.
ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की 3-3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हैं. राजनीतिक दलों ने इन तीनों ही राज्यों में तीन-तीन प्रत्याशी ही मैदान में उतरे हैं. ओडिशा में दो सीट पर बीजेडी और एक सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी अश्विनी वैष्णव को उतारा है. इसी तरह से तेलंगाना की तीन राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस ने दो और बीआरएस एक सीट पर चुनाव चुनाव लड़ रही है. आंध्र प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस के तीन प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ किसी भी दल ने अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है. इसके चलते माना जा रहा है कि इनका राज्यसभा सदस्य चुना जाना तय है.
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