बीते 10 दिनों में पेटीएम के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल चुकी है. बीएसई पर कंपनी के शेयर में लगातार दूसरे दिन 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. आज कंपनी के शेयर 350 रुपए से नीचे चले गए हैं. जोकि नया 52 हफ्तों का निचला स्तर है. खास बात तो ये है कि बीते 10 दिनों में कंपनी के शेयरों में 55 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. इसके अलावा निवेशकों को 26 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. जबकि अक्टूबर के महीने में कंपनी का शेयर 52 हफ्तों के हाई पर था. वहां से कंपनी के शेयर में 66 फीसदी नीचे आ चुके हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पेटीएम के शेयर किस लेवल पर कारोबार कर रहे हैं.
लगातार दूसरे दिन 10 फीसदी की गिरावट
पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कंयूनिकेशन के शेयर कारोबारी रिकॉर्ड लेवल पर नीचे आ गए. कंपनी के शेयर में लगातार दूसरे दिन 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और कंपनी का शेयर 342.40 रुपए के रिकॉर्ड लो पर नीचे आ गया. वैसे आज कंपनी का शेयर करीब 7 फीसदी की गिरावट के साथ 353.50 रुपए पर ओपन हुआ. एक दिन पहले कंपनी के शेयर में 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा था. जिसकी वजह से कंपनी के शेयर 380.35 रुपए पर बंद हुए. खास बात तो ये है कि 20 अक्टूबर को कंपनी का शेयर 998.30 रुपए के साथ 52 हफ्तों के हाई पर था. तब से अब तक यानी 78 कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयर में 66 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि 10 कारोबारी दिनों यानी जब से कंपनी में बवाल शुरू हुआ है 55 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.
निवेशकों को 26 हजार करोड से ज्यादा का नुकसान
बीते 10 कारोबारी दिनों में निवेशकों को पेटीएम के शेयरों में गिरावट की वजह से 26 हजार करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. इस जरा आंकडों से समझने की कोशिश करते हैं. 31 जनवरी के दिन कंपनी का मार्केट कैप 48,334.71 कराेड रुपए था. जोकि आज 10 फीसदी और गिरावट कर 21,747.44 करोड रुपए पर आ गया है. बीते 10 कारोबारी दिनों में 26,587.27 करोड रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. यही निवेशकों का नुकसान भी है. अगर किसी निवेशकों के पेटीएम के 1000 शेयर थे. जिनकी वैल्यू 31 तारीख तक 761000 जिनकी वैल्यू में अब 3,48,600 रुपए पर आ गए हैं. इसका मतलब है कि ऐसे निवेशकों को पेटीएम पर 1000 टशेयर पर4,12,400 रुपए का नुकसान हाे चुका है.
आरबीआई ने की थी कार्रवाई
आरबीआई ने वन97 कम्युनिकेशंस की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबी) पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि नियमाें के लगातार उल्लंघन की वजह से कंपनी पर कार्रवाई जरूरी हो गई थी. रेगुलेटर को केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं मिलीं, जिससे कस्टमर्स, डिपॉजिटर्स, वॉलेट होल्डर्स को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा. रेगुलेटर को अपनी जांच में मिला कि हजारों मामलों में, एक ही पैन 100 से अधिक कस्टमर्स से और कुछ मामलों में 1,000 से अधिक कस्टमर्स एक ही पैन कार्ड से जुड़ा हुआ था. जिसकी वह से रेगुलेटर को मनी लॉड्रिंग का भी शक हुआ.
आरबीआई ने पीपीबी को 29 फरवरी के बाद ग्राहक अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, वॉलेट, फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड में किसी भी ब्याज, कैशबैक या रिफंड के अलावा डिपॉजिट, क्रेडिट ट्रांजेक्शन या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने भुगतान बैंक को 15 मार्च तक सभी पाइपलाइन ट्रांजेक्श और नोडल अकाउंट्स खातों को सेटल करने का भी आदेश दिया है.
एजेंसीज ने रेटिंग को किया कम
आरबीआई के निर्देश के बाद से दो हफ्तों में, सीएलएसए, मॉर्गन स्टेनली, जेफ़रीज़, बर्नस्टीन जैसे विदेशी ब्रोकरेज ने वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) के लिए अपने टारगेट प्राइस में 20-60 फीसदी की कटौती की है. जिसमें मैक्वेरी स्ट्रीट ने सबसे बडी कार्रवाई की है. एजेंसी ने वन97 कम्युनिकेशंस को ‘अंडरपरफॉर्म’ की श्रेणी में डाल दिया है और टारगेट प्राइस को 650 रुपए से कम कर 275 रुपए कर दिया है.
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