कल्कि धाम के शिलान्यास से पहले कांग्रेस नेता के आरोपों से आचार्य प्रमोद कृष्णम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कांग्रेस नेता ने उन पर करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति जब्त करने का आरोप लगाया है. आरोप है कि सरकार को नुकसान पहुंचाते हुए जिस जमीन पर प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम बनाने की योजना बना रहे हैं, वह जमीन पिछले 40 साल से उनके कब्जे में है. यह मामला जिला प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंच चुका है. संपत्ति कब्जे को लेकर कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के ऐंचोदा कम्बोह गांव में कल्कि धाम की आधारशिला रखने का कार्यक्रम 19 फरवरी को निर्धारित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने की उम्मीद है. आयोजन को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तत्परता से तैयारी कर रहा है. कथित तौर पर आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम की सफल शुरुआत के लिए कई प्रयास कर रहे हैं.
संपत्ती से संबंधित सभी रिकॉर्ड
संभल तहसील के अधिवक्ता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी RTI विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में मशहूर डॉ. अमित कुमार उठवाल ने आचार्य प्रमोद कृष्णम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉ. उथवाल का दावा है कि उनके पास संपत्ती से संबंधित सभी रिकॉर्ड हैं और उन्होंने आचार्य प्रमोद पर पिछले चार दशकों में इस मूल्यवान सरकारी संपत्ति को जब्त करने के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाने का आरोप लगाया है.
वहीं, इस मामले पर यूपी अधिवक्ता अमित होतवाल आरटीआई कांग्रेस महा सचिव यूपी ने दावा करते हुए कहा कि ‘शिकायत प्रधानमंत्री गृहमंत्री मुख्यमंत्री सचिव के सहित डीएम एसपी और उच्च अधिकारियों को कमिश्नर को सारे एविडेंस भेजे गए हैं.’
जब्त जमीन को करवाया था रेजिस्टर
यह दावा किया गया है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फर्जी तरीके से खलियान की जमीन को इंदिरा गांधी मेमोरियल स्कूल के नाम पर रेजिस्टर कर दिया था. जिसके बाद वह मैनेजर बन गए. इसके अलावा, मंदिर के निर्माण में पुलिस प्रशासन के पहले हस्तक्षेप के बावजूद, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कथित तौर पर सरकारी संपत्ति पर एक हवन कुंड और यज्ञशाला का बनवा दिया. अब इस मामले को डॉ. उथवाल ने उठाया है.
डॉ. उथवाल ने सरकारी संपत्ति को अतिक्रमण से बचाने के लिए जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी है. सरकारी प्रशासन की अगली कार्रवाई देखने वाली है, क्योंकि डॉ. उथवाल अपने दावे पर कायम हैं कि आचार्य प्रमोद कृष्णम अवैध रूप से सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं.
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