चलिए, मैं आप सबको सजा देने जा रहा हूं…कहकर सांसदों को कैंटीन में ले गए पीएम मोदी, साथ में किया लंच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद कैंटीन में सांसदों के साथ लंच किया. प्रधानमंत्री ने कई दलों के सांसदों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया. एन के प्रेमचंद्रन, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा, पगनोंन कोनियक, एल मुरुगन, हिना गावित एवं जामयांग शेरिन नामगियाल संसद कैंटीन में दोपहर के भोजन के लिए प्रधानमंत्री के साथ शामिल हुए.

सूत्रों के मुताबिक, सांसदों को अनौपचारिक लंच की जानकारी दोपहर 2.30 बजे फोन आने के बाद मिली. सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी और सांसदों ने कैंटीन में शाकाहारी भोजन और रागी के लड्डू खाए. भोजन के दौरान पास्ता, खिचड़ी, दाल, चावल, सब्जी, रायता,पापड़ और सलाद था. सभी के खाने का बिल पीएम ने दिया. पीएम सगभग 45 मिनट कैंटीन में रहे.

जब पीएम मोदी लंच के लिए जा रहे थे तो जो अलग-अलग दलों के सांसद, जो साथ जा रहे थे, तो उनको पीएम मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मैं आज आप सबको सजा देने जा रहा हूं. मेरे साथ आईए. फिर पीएम सबको कैंटीन ले गए.

वहां पीएम के एक्सीपीरियंस के बारे में हल्की-फुल्की बातचीत हुई, सासंद ने पीएम से सवाल पूछे. राजनीति पर कोई बात नहीं हुई. पीएम के लाइफस्टाइल, कब उठते हैं, कब सोते हैं आदि सवाल सांसदों ने पूछे. पीएम ने बताया कि वो रात में सिर्फ साढे तीन घंटे सोते हैं और सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाते हैं.

पीएम ने अपने उस अफगानिस्तान दौरे का जिक्र किया कि कैसे वो अफगानिस्तान में नई संसद के उद्धाटन से लौट रहे थे तो वहीं से पाकिस्तान गए. नवाज शरीफ के घर शादी में किसी सुरक्षा कर्मी को भी पहले से पता नहीं था. पाकिस्तान से फिर वो लौटकर वाजपेयी जी के बर्थडे के कार्यक्रम में शामिल हुए. अबू धाबी में बन रहे मंदिर को लेकर भी पीएम ने चर्चा की.

पीएम ने बतौर सीएम भूकंप से तबाह कच्छ को कैसे विकसित करके टूरिस्ट स्पॉट बनाया, उसके बारे में भी बताया और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण को लेकर भी अपना अनुभव बताया.

पीएम ने भोजन के दौरान व्हाइट पेपर के मुद्दे पर भी बात की. पीएम ने कहा कि व्हाइट पेपर लाने के पीछे कारण ये है कि जब मुझे ये पता चला कि इस तरह का करप्शन हुआ है. यूपीए सरकार में तो मैं पहले कई साल चुप रहा. बाद में मुझे लगा कि देश की इतनी क्षति हुई है. लोगों के पैसे का लूट और बर्बादी हुआ है. तब हमने सोचा कि ये देश के लोगों के सामने आना चाहिए. फिर हमने तय किया कि एक स्वेत पत्र लाना चाहिए.

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