वैलेंटाइन डे पर 57 सालों बाद बन रहा है ऐसा संयोग, लाल नहीं इस रंग का गुलाब देकर करें प्रपोज

इस बार 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के साथ बसंत पंचमी भी है. इससे पहले साल 1967 में बसंत पंचमी और वैलेंटाइन डे एक ही दिन पड़ा था, जिसके बाद पूरे 57 साल बाद ऐसा मौका है. 57 सालों के बाद ऐसा योग बनने के कारण यह दिन बेहद ही शुभ होने वाला है. उस समय भारत में वैलेंटाइन डे के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता था, तो मुख्यतौर पर बसंत पंचमी ही मनाई जाती थी. बसंत पंचमी का दिन होने की वजह से इस बार वैलेंटाइन डे विशेष होगा, इस बारे में टीवी 9 डिजिटल ने बात की ज्योतिषाचार्य डॉ अरुणेश कुमार शर्मा से और इस बारे में उनका क्या कहना है आइए जानें.

अरुणेश कुमार बताते हैं- ‘हिंदू धर्म में पीला गुलाब मित्रता, आनंद और उत्साह का प्रतीक होता है, बसंत पंचमी पड़ने के कारण लाल गुलाब से ज्यादा पीला गुलाब महत्वपूर्ण रहेगा. पीला गुलाब उमंग, गहरी दोस्ती और विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसे में वैलेंटाइन डे पर लाल गुलाब की जगह पीला गुलाब देना बेहद शुभ है.’

बसंत पंचमी शिक्षा, प्रेम, बुद्धि के उत्सव का प्रतीक होगी. किसी व्यक्ति की भावनाओं का सर्वोच्च स्तर होता है उसका प्रेम. अच्छी शिक्षा और सच्चा प्रेम उस व्यक्ति को जीवन में ऊपर लेकर जाता है. ऐसे में वैलेंटाइन डे और बसंत पंचमी का एक साथ आना प्रेम और शिक्षा का अच्छा कॉम्बिनेशन है. साथ ही बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यों जैसे शादी-विवाह आदि के लिए सबसे उत्तम रहेगा.

बसंत पंचमी के दिन वैलेंटाइन है खास

बसंत पंचमी देवी सरस्वती का जन्म दिन माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा की जाती है. इस दिन जितना हो सकते पीली चीजों का इस्तेमाल करें. देवी सरस्वती को पीले फूल और फल आर्पित करें और अगर वैलेंटाइन पर किसी को फूल देना चाहते हैं तो लाल की जगह पीला गुलाब का फूल दें. बसंत पंचमी और वैलेंटाइन डे प्रेम, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा और भारतीय संस्कारों का संयोग बनकर एक साथ आ रहे हैं. इसी दिन से भारतीय प्रेम उत्सव की शुरुआत होती है जो कि बंसत पंचमी के दिन से लेकर रंग पंचमी तक चलता है. रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद पड़ती है. इस साल होली 25 मार्च को पड़ेगी और रंग पंचमी का उत्सव 30 मार्च को मनाया जाएगा. इस प्रकार डेढ़ महीने तक भारतीय प्रेम उत्सव या भारतीय वैलेंटाइन रहेगा.

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