उत्तर भारत में साल 2024 में जहां सबसे ठंडा रहा वहीं अब भीषण गर्मी की मार झेलने के लिए लोगों को तैयार होना पड़ेगा। भारत में इस साल वसंत ऋतु कम समय तक रहने के आसार हैं। इसके बाद भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अल नीनो प्रभाव के कारण वसंत के बाद से गर्मी का प्रकोप देखने को मिलेगा।
उधर दूसरी तरफ, मुंबई के लोगों को कुछ ज्यादा ही गर्मी इस बार तड़पाएगी। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में मुंबई को सचेत किया गया है। बता दें कि यहां तेज़ी से चल रहे निर्माण कार्य और बढ़ते कंक्रीट की वजह से मुंबई में गर्मी अधिक बढ़ जाएगी। ख़ुद संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी चेतावनी दी है। इस बीच मुंबई में बड़े पैमाने पर चल रहा निर्माणकार्य मुंबई को कंक्रीट के जंगल में बदल रहा है।
पर्यावरणविद ज़ोरू भथेना ने कहा कि मुंबई में स्लम को हटाकर पचास मंज़िला इमारत खड़ी हो रही है डेवलपमेंट तो ज़रूरी है लेकिन जिस पैमाने में सीमेंट हर जगह बिछा रहे हैं, इससे राज्या में गर्मी बढ़ेगी। प्रदूषण का 70% कारण सीमेंट होता है।
वहीं, रेस्पिरर लिविंग साइंसेज के संस्थापक, क्लाइमेट टेक रोनक सुतारिया मूडी ने कहा कि रिपोर्ट में 4 शहरों का विश्लेषण किया गया है – मुंबई, पेरिस, न्यूयॉर्क और रियो डी जनेरियो. मुंबई, में मेट्रो निर्माण, कोस्टल रोड और बिल्डिंग रिडेवलपेंट में खूब सीमेंट और कंक्रीटीकरण शामिल है, जो उत्सर्जन में वृद्धि करने जा रहा है और अन्य सभी शहरों से शहरी बुनियादी ढांचे के उत्सर्जन को पार कर जाएगा। उन्होंने बताया कि कंक्रीट, डामर, पत्थर जैसी चीज़ों से बनी सतहें गर्मी को सोखती हैं, जो फिर पूरे दिन धीरे-धीरे निकलती है। कंक्रीटीकरण के कारण शहरी क्षेत्र, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 8-10° फ़ारेनहाइट तक अधिक गर्मी बढ़ जाती हैं।
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