शिवसेना विधायक अनिल बाबर का निधन, सीएम शिंदे ने रद्द की कैबिनेट बैठक

महाराष्ट्र के शिवसेना गुट के कद्दावर नेता और विधायक अनिल बाबर का बुधवार 31 जनवरी को निधन हो गया है. निमोनिया के चलते उन्हें बीते मंगलवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अनिल बाबर की मौत पर सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुख व्यक्त किया है.

अनिल बाबर के निधन के चलते सीएम शिंदे ने 31 जनवरी को होने वाली मीटिंग को रद्द कर दिया है. 74 साल साल के अनिल बाबर सीएम शिंदे के बेहद करीबी माने जाते थे. वो सांगली जिले के खानापुर विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक थे.

अनिल बाबर के निधन पर सीएम ने जताया दुख

सीएम शिंदे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने विधायक अनिल बाबर के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि शिवसेना ने एक प्रभावी नेता को खो दिया. सीएम ने कहा कि ‘हमने शिवसेना की सामाजिक कार्य शाखा चलाने वाले एक बहुत प्रभावी और जन प्रतिनिधि को खो दिया है’. इसके साथ ही सीएम ने अनिल बाबर के परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की.

खानापूर विधानसभा मतदारसंघाचे आमदार अनिल बाबर यांचे दुःखद निधन झाले आहे. त्यांच्या निधनाने आपण खऱ्या अर्थाने शिवसेनेचा समाजकार्याचा वसा चालवणारा एक अतिशय प्रभावी असा लोकप्रतिनिधी गमावला आहे. त्यांच्यावर शासकीय ईतमामात अंत्यसंस्कार करण्याच्या सूचनाही प्रशासनाला दिल्या आहेत. pic.twitter.com/j7olT9DawH

— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) January 31, 2024

चार बार विधायक बने अनिल बाबर

शिवसेना में फूट पड़ने के बाद अनिल बाबर ने वर्तनाम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला किया था. अयोग्यता के मामले में दी गई लिस्ट में अनिल बाबर का नाम सबसे आगे था. शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अनिल बाबर 2019 में बतौर विधायक चुने गए थे. अनिल बाबर साल 1990, 1999, 2014 और 2019 में चार बार विधायक रहे हैं.

1990 में पहली बार बने विधायक

अनिल बाबर का जन्म 7 जनवरी 1950 को सांगली के खानापुर तालुका के गार्डी गांव में हुआ था. अनिल बाबर ने 19 साल की उम्र से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी. इस दौरान उन्होंने जिला परिषद सदस्य से विधायक बनने तक का सफर तय किया. साल 1990 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर विधायक बने. इन्होने साल 1982 से 1990 तक खानापुर पंचायत समिति में बतौर अध्यक्ष भी काम किया था.

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