आम चुनाव से पहले इमरान खान को बड़ा झटका, साइफर मामले में 10 साल की जेल

पाकिस्तान से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आई है. आगामी आम चुनाव से पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है. साइफर मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) चीफ को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. इमरान खान के अलावा पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को इस मामले में 10 की सजा हुई है.

एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, साइफर मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने पीटीआई के दोनों नेताओं को 10-10 साल की सजा सुनाई. स्पेशल कोर्ट से जज अबुल हसनत ज़ुल्करनैन ने धारा 342 के तहत दो आरोपियों के बयान दर्ज करने के तुरंत बाद सजा का ऐलान किया.

कोर्ट के फैसले को PTI देगी HC में चुनौती

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के पास पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. स्पेशल कोर्ट के द्वारा सजा के ऐलान के बाद पीटीआई ने कहा कि कानूनी टीम फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी और उम्मीद है कि इस सजा को निलंबित कर दिया जाएगा.

PTI ने सभी सदस्यों से की शांति की अपील

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सेक्रेटरी जनरल उमर अयूब खान ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाया. अयूब खान ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि इमरान खान साहब और शाह महमूद कुरैशी साहब के खिलाफ अदालत का जो ये फैसला आया है. इसको लेकर पीटीआई के सभी सदस्य और पाकिस्तानी शांत और शांतिपूर्ण रहें. उन्होंने कहा कि पीटीआई के सभी सदस्य और कार्यकर्ता 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव पर ध्यान दें. पीटीआई के उम्मीदवारों को वोट करें.

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पहले साइफर को समझिए

बता दें कि साइफर मामला पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट से जुड़ा है. इस मामले को लेकर इमरान खान पर पिछले काफी दिनों से एफआईए की तलवार लटक रही थी. पाकिस्तान में चल रहीं चुनावी तैयारियों के बीच शहबाज सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना दिया था. साइफर का मतलब होता है सीक्रेट कीवर्ड में लिखा गया कोई मैसेज. साइफर एक गुप्त मैसेज होता है जो डिप्लोमेटिक कम्युनिकेशन का हिस्सा होता है. दो देशों के बीच होने वाली कई बातचीत को गुप्त रखा जाता है.

इमरान खान पर क्या आरोप हैं?

बता दें कि पूर्व पीएम इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने राजनीति में अपने फायदे के लिए झूठे गुप्त संदेश जारी किए और कई गुप्त बातों को सार्वजनिक किया. दरअसल, यह विवाद तब सामने आया था जब पूर्व पीएम इमरान ने एक अमेरिकी राजनयिक पर पाकिस्तानी राजनयिक को धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसकी सूचना एक साइफर के जरिए दी गई.

इमरान खान की उनके सचिव और कैबिनेट मंत्रियों के साथ कथित तौर पर चर्चा की दो ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई. जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि आखिर सायफर मुद्दे को कैसे उठाया जाए. यह सोशल मीडिया पर वायरल हुई. पहले ऑडियो के लीक होने के बाद खान ने कहा था कि अच्छा हुआ कि यह ऑडियो लीक हो गया और वह चाहते थे कि साइफर भी लीक हो जाए.

पिछले साल 15 अगस्त को दर्ज हुई थी FIR

साइफर मामले में पिछले साल 15 अगस्त को पहली FIR ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दर्ज की गई थी. गृह सचिव की शिकायत के आधार यह रिपोर्ट दर्ज की दर्ज की गई थी. रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इणरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को नामित किया गया था, जबकि पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान और पूर्व योजना मंत्री असद उमर के नामों का भी जिक्र किया गया था.

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