मकर संक्रांति पर सज गए बाजार, इस बार श्रीराम के साथ इन पतंगों की सबसे ज्यादा डिमांड

शाजापुर। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस पर्व के मौके पर बच्चों से लेकर बड़ों तक को पतंग उड़ाने का बहुत शौक होता है। मकर संक्रांति नजदीक आते ही रंग बिरंगी पतंगों से दुकानें सजी हुईं हैं। चंद्रयान राकेट और राम मंदिर की पतंग इस बार आकर्षण का केंद्र हैं। भगवान श्रीराम के फोटो वाली पतंग की भारी डिमांड बाजारों में है। इसके अलावा पीएम मोदी की फोटो वाली पतंग की मांग भी तेज है। बाजार में दोनों टाइप की पतंगें खूब बिक रही हैं।

वहीं पतंग निर्माताओं और विक्रेताओं ने भी बच्चों के लिए छोटा भीम, पब्जी, मोटू पतलू प्रिंटेड पतंग, डोरेमान, बार्बी डाल आदि लेकर आए हैं। रामायण महाभारत के पात्रों वाली पतंग के साथ चंद्रयान राकेट और राम मंदिर की पतंग इस बार आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

पतंग और मांझे के दाम में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी

शिवम पतंग भंडार के विमल शर्मा ने बताया कि यहां पर पतंग को लेकर ट्रेंड भी बदल चुका है। पहले शहर में पतंग उड़ाने मकर संक्रांति के पूर्व पतंग की दुकानें सज गई है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक पतंग डोर खरीदने पहुंच रहे हैं। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष पतंग के भाव में 20 से 25 फीसदी बढ़े हैं। बाजार में पांच रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक की पतंग बिक रही हैं, जो पतंग गए वर्ष से पांच रुपए की थी वह अब आठ से 10 रुपए की मिल रही है। डोर के भाव में भी इजाफा हुआ है।

प्लास्टिक, कागज और पैराशूट कपड़ों से बनी पतंग उपलब्ध

पतंगबाजों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है, बच्चों से लेकर बड़े तक पतंग की दुकानों में पतंग खरीदने पहुंच रहे हैं। ग्राहकों को लुभाने के लिए हर साल व्यापारी कुछ न कुछ नया लेकर आते हैं। इस बार मांझे के व्यापारियों ने आकर्षक बाक्स पैकिंग की शुरुआत की है। इन दिनों बाजार में प्लास्टिक, कागज और पैराशूट कपड़ों से बनी पतंग उपलब्ध हैं। वहीं, चमकीली प्लास्टिक से बने मिनी साइज पतंग भी ग्राहकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं। कई जगहों पर पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें पतंग उड़ाने के शौक़ीन पतंगबाज़ी करने पहुंचते हैं। चर्चित राजनीतिक चेहरों के अलावा फिल्मस्टार क्रिकेटर भी डोर के सहारे आसमान में पतंगों पर उड़ाए जाएंगे।

चाइना की जगह नायलान और रेशमी धागों के मांझा

प्रतिबंधित चाइनीज धागे की जगह नायलान और रेशमी धागों का बंडल खूब पसंद किया जा रहा है। पतंगबाजी का शौक अब मैदानों के बजाय छतों तक ही सिमटकर रह गया है और युवाओं में टीवी मोबाइल और अन्य खेलों में रुचि रखने के कारण भी इस साल पतंगबाजी कम हो रही है। घिसाई किया हुआ मांझा फिरकी में पैक कर दिया गया है। वहीं 350 से 850 वार वाली फिरकी के आकर्षक बाक्स तैयार किए गए हैं। वहीं पतंग भी पांच रुपए से लेकर अब तक 200 रुपए में बेची जा रही है। बड़े ब्रांड वाले मांझे के दाम भी बढ़ गए हैं।

चाइना डोर को लेकर कर रहे जागरूक

चाइना डोर को लेकर जागरूकता अभियान बच्चे अंतर्गत सोशल प्लेटफार्म पर वीडियो, आडियो के माध्यम से भी पतंग उड़ाने के लिए चाइना डोर की जगह देशी मांझे का उपयोग करने की अपील की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने भी दुकानों पर चाइना डोर की तलाशी के लिए अभियान चलाया। जिले में पुलिस और प्रशासन की टीम ने संयुक्त रूप से दल बनाकर नगर के पतंग व्यापारियों की दुकानों का भ्रमण चाइना डोर की जांच की थी। कलेक्टर ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत चायना डोर के उपयोग एवं विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है।

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