इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का एक बयान इन दिनों काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा था कि पद से हटो तो पोस्टरों से फोटो ऐसे गायब होते हैं जैसे गधे के सिर से सींग। उनके इस बयान को पिछले दिनों उनकी इंदौर यात्रा के दौरान भी महसूस किया गया। पिछले दिनों वे अचानक इंदौर आए। एयरपोर्ट पर देर रात उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा। शिवराज का स्वागत करने वालों से ज्यादा चर्चा इस बार एयरपोर्ट पर न पहुंचने वालों की हो रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री रहते शिवराज का स्वागत करने में सर्वोपरि रहने वाले विधायक रमेश मेंदोला इस बार विमानतल पर नजर नहीं आए। उनके न आने को लेकर राजनीतिक गलियारों में खास चर्चा हो रही है। मेंदोला के साथ ही दो नंबर विधानसभा का कोई अन्य नेता और पार्षद भी नहीं पहुंचा।
बेटियों को प्यार लुटाने में कमी क्यों
देश में आधी आबादी को पूरा सम्मान देने के तमाम प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश की बेटियां भी लगातार आगे बढ़ रही हैं। मप्र की लड़कियों ने हाल ही में क्रिकेट के मैदान में डंका बजाते हुए राष्ट्रीय चैंपियन होने का गौरव हासिल किया। बेटियों की इस उपलब्धि की वैसी चर्चा क्रिकेट के गलियारों में नहीं हुई, जैसी बेटों की जीत पर देखी गई। बहुत साल पहले जब 16 साल के लड़कों की टीम चैंपियन बनी थी तो विजयी जुलूस में सब नाचे थे। कुछ साल पहले रणजी टीम की जीत पर भी भव्य जश्न बना था। मगर इस बार न ऐसा तामझाम दिखा न पुरस्कारों की बारिश नजर आई। नियमानुसार सम्मान तो सालाना कार्यक्रम में मिलेगा ही, लेकिन जोरदार जश्न भी मनता तो बेटियों की मुस्कुराहट ज्यादा होती।
तो चार्टर्ड विमान से अयोध्या जाएंगे इंदौर के अतिथि
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से मालवा के करीब 115 अतिविशिष्ट लोगों को भेजा गया है। इनमें इंदौर के करीब 20 अतिथि शामिल हैं। अतिथियों में जाने-माने उद्योगपति और कोल कारोबारी विनोद अग्रवाल भी शामिल हैं। अग्रवाल चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अयोध्या प्रशासन से अनुमति भी मांगी है। अगर अनुमति मिल जाती है तो वे अपने साथ इंदौर से आमंत्रित अन्य हस्तियों को भी ले जा सकेंगे। हालांकि अनुमति मिलती है या नहीं, यह फिलहाल तय नहीं है। अग्रवाल के सबको साथ लेकर जाने के प्रयास की शहर के प्रबुद्धजनों में काफी चर्चा हो रही है। इंदौर में जिन लोगों को अयोध्या जाने का निमंत्रण मिला है उनमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ताई, पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे, सुशील दोशी व अन्य शामिल हैं।
नए कलेक्टर सबको साथ लेकर चलेंगे या सिर्फ सीएम की सुनेंगे
मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से ही अधिकारियों के तबादलों का दौर चल रहा है। अफसरों के तबादले में वे एक ‘तीर से दो शिकार’ वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं के कहने पर वे उनके जिले में पुराने अधिकारी को बदल दे रहे हैं, पर नया अधिकारी अपनी पसंद का भेज रहे हैं। इंदौर कलेक्टर के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। प्रदेश सरकार के एक कद्दावर मंत्री के कहने पर उन्होंने कलेक्टर इलैया राजा टी का तबादला करके आशीष सिंह को इंदौर का नया कलेक्टर बना दिया। आशीष सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे सबको साथ लेकर चलने वाले अधिकारी हैं। अब वे इंदौर में स्थानीय मंत्री या अन्य जनप्रतिनिधियों की बात को तवज्जो देते हैं या मनीष सिंह की तरह सीएम के इशारों पर काम करते हैं। इसे लेकर प्रशासनिक से लेकर राजनीतिक हल्कों तक में चर्चा सुनी जा सकती है।
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