इंदौर। किसी भी देवी-देवता की पूजा के लिए मंत्र जाप सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं। लेकिन इसके अलावा आपको इस मंत्र के जाप से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम भी जानने चाहिए। ताकि आपको इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इस मंत्र का अर्थ यह है – हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो त्रिनेत्रधारी हैं, सुगंधित हैं और पूरी दुनिया का पालन-पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो सके।
महामृत्युंजय मंत्र के लाभ
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर इस मंत्र का प्रतिदिन जाप किया जाए, तो अकाल मृत्यु का खतरा टाला जा सकता है। साथ ही व्यक्ति को लंबी उम्र का आशीर्वाद भी मिलता है। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को गंभीर रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है।
महामृत्युंजय मंत्र जाप नियम
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग किया जाता है। मंत्र का जाप कुश के आसन पर बैठकर ही किया जाना चाहिए। इस मंत्र के जाप के लिए घर में ऐसी जगह चुनें जहां शांति हो। मंत्र जाप करते समय मन एकाग्र रखें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप आप अपने घर के मंदिर में बैठकर भी कर सकते हैं। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है।
डिसक्लेमर
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