नई दिल्ली। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है और सियासी खींचतान के बीच तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए काशी की यज्ञशाला में 40 दिन की विशेष पूजा का आयोजन करेंगे। विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि भगवान राम की कृपा से अयोध्या श्री राम जन्मभूमि में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम में यज्ञशाला का पूजन भी होगा। 100 से अधिक विद्वान लोगों द्वारा यज्ञशाला पूजन और हवन का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के तीर्थ स्थानों के विकास करने में श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण का विस्तार भी किया है।
विपक्ष का दावा गलत
गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से यह दावा किया गया था कि चारों पीठ के शंकराचार्य ने अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया है, लेकिन कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने ऐलान किया है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ इस यज्ञ की शुरुआत की जाएगी, जो अगले 40 दिनों तक जारी रहेगा।
कांची कामकोटि पीठ मठ का महत्व
गौरतलब है कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रसार के लिए देश की चार दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी और उनके प्रमुखों को शंकराचार्य कहा जाता है। ये चार प्रमुख मठ द्वारका, ज्योतिष, गोवर्धन और श्रृंगेरी पीठ हैं।
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