धन ही नहीं, सुख और शांति भी मिलेगी, शुक्रवार को जरूर करें त्रिदेवियों से जुड़े ये उपाय

इंदौर। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन देवी मां की आराधना करने से उनकी कृपा बनी रहती है। साथ ही सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और घर में कभी आर्थिक तंगी नहीं होती है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, देवी लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती है, इसलिए शुक्रवार को यदि देवी लक्ष्मी के साथ-साथ मां संतोषी और देवी दुर्गा की भी आराधना की जाती है तो जीवन में सुख शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।

शुक्रवार को इसलिए की जाती है देवी आराधना

पौराणिक मान्यता है कि शुक्रवार का संबंध शुक्रदेव से होता है और शुक्र देव किसी भी जातक के जीवन में भौतिक सुख लेकर आते हैं। चूंकि भौतिक सुख देवी लक्ष्मी की कृपा के बिना पूरे नहीं हो सकते हैं। यहीं कारण है कि शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को प्रिय होता है। इस दिन यदि त्रिदेवियों की आराधना की जाती है तो सिर्फ आर्थिक लाभ ही नहीं होता है, बल्कि सुख जीवन भी प्राप्त होता है।

मां दुर्गा की पूजा

  • मां दुर्गा की पूजा के बाद ‘ऊँ श्री दुर्गाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • सबसे पहले माता दुर्गा की मूर्ति का आवाहन करें।
  • अब माता दुर्गा को स्नान के बाद पंचामृत से स्नान कराएं।
  • वस्त्र अर्पित करने के बाद आभूषण और पुष्पमाला पहनाएं।
  • इत्र अर्पित करें व तिलक करें। तिलक के लिए कुमकुम, अष्टगंध का प्रयोग करें।
  • मां दुर्गा के पूजन में दूर्वा अर्पित नहीं करना चाहिए।
  • मां दुर्गा को लाल गुड़हल के फूल अर्पित करें।
  • पूजन के बाद नारियल का भोग अवश्य लगाएं।

मां लक्ष्मी की उपासना

  • शुक्रवार के दिन ही देवी मां लक्ष्‍मी को सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनाना चाहिए।
  • मध्य रात्रि को देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
  • विधि विधान से पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प या कमल जरूर अर्पित करें।
  • पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

संतोषी मां की पूजा

  • त्रिदेवियों में संतोषी माता की पूजा करने से जीवन में शांति रहती है
  • शुक्रवार को देवी संतोषी की पूजा के दौरान घर में साफ-सफाई रखना चाहिए।
  • सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई करना चाहिए और व्रत का संकल्प लें।
  • विधि-विधान के साथ पूजा करें और एक कटोरा गुड़ और चना भर प्रसाद भी रखें।
  • संतोषी माता व्रत की कथा पढ़कर आरती करें।
  • कथा समाप्त होने पर हाथ का गुड़ चना गाय को खिला दें।
  • बाकी प्रसाद परिवार में सभी लोगों को वितरित करें।

डिसक्लेमर

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