क्या ब्रह्ममुहूर्त में तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते, पढ़ें यह शुभ या अशुभ

इंदौर।  सनातन धर्म में तुलसी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर सनातनी के घर में तुलसी जी का पौधा जरूर होता है। वह उसको पूजते भी हैं। धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। लोग दिन देखकर ही तुलसी के पत्तों को तोड़ते हैं, लेकिन एक सवाल जरूर मन में आता है कि क्या ब्रह्म मुहूर्त में भी तुलसी के पत्तों को तोड़ा जा सकता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से इस बारे में बताया है।

क्या ब्रह्ममुहूर्त में तुलसी के पत्ते तोड़ना है शुभ?

तुलसी के पौधे से ब्रह्ममुहूर्त में पत्तियों को तोड़ना बहुत ही शुभ होता है, लेकिन इसको तोड़ने से पहले नियमों को जानना बहुत जरूरी है। देवी-देवता ब्रह्ममुहूर्त में ही उठ जाते हैं। इस समय उनको ध्यान करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं।

तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले पढ़ें ये मंत्र

तुलसी के पत्तों को तोड़ने के दौरान ‘ॐ-ॐ’ मंत्र का 11 बार जाप करें।

ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी,नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।। इस मंत्र का सफलता पाने के लिए 21 बार जाप करें।

महाप्रसादजननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

तुलसी में जल चढ़ाने के फायदे

  • तुलसी पर जल चढ़ाने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
  • आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों पर सिंदूर लगाना चाहिए।
  • भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए तुलसी पर जल चढ़ाते समय सिंदूर लगा दें।
  • तुलसी की पूजा घी के दीपक के साथ करें। यह आपके घर में सुख-समृद्धि लेकर आती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.