प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बहिष्कार पर कांग्रेस में बवाल, पढ़िए बयानबाजी

नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन इन नेताओं ने इसे भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बताते हुए आने से इनकार कर दिया।

इसके बाद कांग्रेस में बवाल शुरू हो गया है। पार्टी प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम् और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने खुलकर विरोध किया है। पढ़िए बयानबाजी

भगवान राम सबके हैं। उनको भाजपा का या आरएसएस का मानना गलत है। इस फैसले से मेरा दिल टूटा है। लाखों कांग्रेसियों का दिल टूटा है। यह पार्टी के चंद नेताओं द्वारा लिया गया फैसला है। – आचार्य प्रमोद कृष्णम्

भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। – अर्जुन मोढवाडिया, गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष

कांग्रेस ने क्यों किया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार

  • कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेताओं के विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है।
  • पार्टी के बड़े नेता खुद को राम मंदिर मुद्दे से कनेक्ट नहीं कर पा रहे हैं।
  • कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के न्योते को लेकर फैसला लेने से पहले INDIA के अपने सहयोगी दलों के साथ भी मंत्रणा की थी। सभी दलों ने आयोजन से दूरी बनाए रखने की सलाह दी थी।
  • कांग्रेस को लगता है कि अयोध्या जाने से उसे कोई सियासी लाभ नहीं होगा।
  • आशंका है कि ऐसा करने से उसका अल्पसंख्यक वोट बैंक नाराज हो सकता है।

रामलला का बायकाट करने वाली कांग्रेस का 2024 में जनता करेगी बायकाट

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जो कांग्रेस अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बायकाट कर रही है, उसका 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता बायकाट करेगी। कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता। यह वही कांग्रेस है जिसने शपथपत्र देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था। यह वही कांग्रेस है जिसने वादा किया था कि हम उसी जगह पर फिर बाबरी मस्जिद बनवाएंगे। यह वही कांग्रेस है जिसने रामलला का मंदिर न बने इसके लिए वकीलों की फौज खड़ी की थी। यह वही कांग्रेस है जो रामसेतु से लेकर श्रीराम से जुड़ी प्रत्येक बात का विरोध करती आई है।

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