इंदौर। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को काफी ज्यादा प्रभावशाली माना गया है। मंगल देव जब भी किसी राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर अच्छा या बुरा हो सकता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, मकर संक्रांति के एक दिन बाद 16 जनवरी को रात 11:07 बजे मंगल देव धनु राशि में उदय होंगे। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मंगल देव के धनु राशि में उदय होने पर सभी राशि के जातकों को ये उपाय जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है और किसी भी कार्य में कोई रुकावट नहीं आती है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव
ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि मंगल मेष राशि में स्थित हो तो यह जातक को लाभदायक परिणाम देते हैं। जब मंगल मेष या वृश्चिक राशि में स्थित हो जातकों को भारी लाभ होता है। इससे व्यक्ति को करियर, आर्थिक मामलों आदि में काफी ज्यादा फायदा होता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मंगल ग्रह जब अष्टम भाव में स्थित होते हैं तो अप्रत्याशित लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है। आध्यात्मिक पक्ष भी मजबूत होता है।
राशि के अनुसार करें ये उपाय
- मेष राशि: प्रतिदिन 27 बार ‘ॐ भोमाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
- वृषभ राशि: गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
- मिथुन राशि: प्रतिदिन प्राचीन पाठ ललिता सहस्रनाम का जाप करें।
- कर्क राशि: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ हवन करें।
- सिंह राशि: प्रतिदिन 21 बार ‘ॐ नमो नरसिम्हाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
- कन्या राशि: रविवार के दिन भगवान रुद्र के लिए यज्ञ हवन करें।
- तुला राशि: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- वृश्चिक राशि: प्रतिदिन प्राचीन पाठ हनुमान चालीसा का जाप करें।
- धनु राशि: गुरुवार के दिन भगवान शिव के लिए यज्ञ हवन करें।
- मकर राशि: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए पूजा करें।
- कुंभ राशि: प्रतिदिन 21 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- मीन राशि: मंगलवार के दिन देवी मां दुर्गा के लिए यज्ञ हवन करें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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