मुंबई। उद्धव ठाकरे को करारा झटका लगा है। एकनाथ शिंदे विधानसभा के स्पीकर की परीक्षा में पास हो गए हैं। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। साथ ही एकनाथ और उनके विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की गई। ऐसे में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। नार्वेकर ने कहा कि संविधान, कानून और इलेक्शन कमीशन के फैसले को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया है।
चुनाव आयोग शिंदे गुट को शिवसेना को चुनाव चिह्व दे चुका है। अब उद्धव कैंप को स्पीकर से निराशा मिली है। जिससे उनकी पार्टी के टूटने की संभावना है। स्पीकर राहुल के फैसले के बाद कुछ विधायक उद्धव का साथ छोड़कर शिंदे के साथ जुड़ सकते हैं। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन मेंज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की उद्धव गुट की दावेदारी कमजोर पड़ेगी।
ठाकरे गुट के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प
अब उद्धव ठाकरे गुट के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता है। ठाकरने पहले ही एलान कर दिया था। अगर स्पीकर का फैसला पक्ष में नहीं आता हो तो वो सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देंगे। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर करेंगे।
कौन है असली शिवसेना?
विधानसभा स्पीकर ने अपने फैसले में कहा कि उन्होंने शिवसेना का संविधान पढ़ा है। असली मुद्दा ये है कि असली शिवसेना कौन है। राहुल नार्वेकर ने SC के फैसले का भी जिक्र किया। जिसमें कहा गया था कि विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मेरा अधिकार क्षेत्र सीमित है। मैं इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड के बाहर नहीं जा सकता हूं।’
शिंदे को हटाने का अधिकार ठाकरे के पास नहीं
स्पीकर नार्वेकर ने कहा कि 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता है। यह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। एकनाथ को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे के पास नहीं है।
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