रतलाम। न्यायालय ने नाबालिग बालिका को अपने साथ ले जाकर दुष्कर्म करने वाले एक आरोपित को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई एवं 6 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। यह फैसला पाक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश उषा तिवारी ने मंगलवार को सुनाया।
पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी
अभियोजन पत्र अनुसार औद्योगिक थाना पर 31 दिसंबर 2021 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि फरियादी मंडी में आपरेटर का कार्य करता है, उसकी एक लड़की व दो लड़के हैं। फरियादी घटना दिनांक को सुबह करीब 10.30 बजे मंडी के लिए निकल गया था, तब घर पर फरियादी की मां, पत्नी व तीनों बच्चे थे।
करीब 12.30 बजे फरियादी के पास उसकी पत्नी का फोन आया कि बालिका घर पर कहीं दिख नहीं रही है, तो फरियादी अपने घर गया जहां फरियादी ने बालिका की तलाश आसपास व रिश्तेदारी व उसके दोस्तों के यहां की, लेकिन कोई पता नहीं चला। फरियादी के पड़ोस में कुछ समय पूर्व किराए से रहने वाला दीपक कुमावत के नही दिखने पर फरियादी को शंका हुई कि फरियादी की नाबालिग बालिका को दीपक बहला- फुसलाकर अपने साथ ले गया है।
पीड़िता को आरोपित के कब्जे से बरामद कर थाना लाया गया
पुलिस ने भादवि की धारा 363 में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। 7 जनवरी 2022 को पुलिस पीड़िता को आरोपित के कब्जे से बरामद कर थाना लेकर आए। थाने पर पुछताछ करने पर उसने बताया कि 31 दिसंबर 2021 को दोपहर 12 बजे वो घर के बाहर खडी थी तभी दीपक उर्फ रामगोपाल कुमावत पीडिता के पास आया और बोला कि मैं तुझसे शादी करना चाहता हूं और पीड़िता को जबरजस्ती मोटरसाइकल पर बैठाकर बांसवाड़ा लेकर गया।
मोटरसाइकल बस स्टैंड पर खड़ी कर बांसवाड़ा से पीड़िता को बस से अहमदाबाद लेकर गया फिर अहमदाबाद से भावनगर गुजरात लेकर गया। भावनगर गुजरात में पीड़िता को बस स्टैंड के पास खाली जगह में दो दिन रखा जहा आरोपित ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
पीडिता के मना करने पर आरोपित उसे जान से मारने की धमकी देता था। 3 जनवरी 2022 को वे भावनगर से अहमदाबाद आए फिर अहमदाबाद से उदयपुर व उदयपुर से निम्बाहेडा, नीमच, मंदसौर, शामगढ़ घूूमते हुए जब वे मंदसौर बस स्टैंड पहुंचे तो तब घर वाले व पुलिस वाले आए थे।
पीड़िता द्वारा बताई गई उक्त घटना पर दुष्कर्म की धारा में इजाफा कर पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया। आरोपित 23 वर्षीय दीपक उर्फ रामगोपाल उर्फ गोलू पुत्र मुन्नालाल कुमावत निवासी रेवास जिला मंदसौर को गिरफ्तार कर उसका भी मेडिकल परीक्षण करवाया तथा पीड़िता के उम्र संबंधी दस्तावेज प्राप्त किए जाकर आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायालय में आए साक्ष्य के आधार पर आरोपित के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाते हुए आरोपित दीपक उर्फ रामगोपाल को धारा 366 के अंतर्गत 5 वर्ष के कठोर कारावास तथा एक हजार रूपये के अर्थदंड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। शासन की और से पैरवी पाक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक विजय पारस ने की।
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