मंगल, शुक्र व बुध की युति विकास का नया कीर्तिमान रचेगी

उज्जैन। सुख समृद्धि, उच्च जीवन शैली, अभिनय कला, सौंदर्य के कारक ग्रह शुक्र 18 जनवरी को धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में पहले से ही मंगल व बुध ग्रह विद्यमान हैं। शुक्र के प्रवेश करते ही धनु राशि में मंगल, बुध व शुक्र ग्रह की युति बनेगी। ज्योतिषियों के अनुसार उज्जैन मंगल की भूमि है, इसलिए शुक्र व बुध के साथ युति का सर्वाधिक लाभ शहर को मिलेगा। शहर सुंदरीकरण की योजना धरातल पर उतरेगी। धर्मनगरी के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा।

इससे शहर के व्यापार व्यवसाय को नए पंख लगने से व्यापार के स्तर में उछाल की स्थिति बनेगी। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया कि 18 जनवरी को शुक्र ग्रह का वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश होगा। धनु राशि में पहले से ही मंगल बुध विद्यमान है। इस तरह से मंगल बुध शुक्र की युति बनेगी।

साथ ही शुक्र का धनु राशि में प्रवेश अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग परिणाम को देने वाला रहेगा। विशेषत: शुक्र को समृद्धि, लग्जरी, उच्च जीवन शैली कला क्षेत्र अभिनय, उच्च वस्त्र से जुड़े क्षेत्र का कारकत्व दिया गया है। शुक्र के राशि परिवर्तन करने से बाजार में गति तेज दिखाई देगी। उत्तरायण के सूर्य होने से लग्नसरा के बाजार में सोने चांदी की मांग बढ़ेगी। साथ ही खाद्य सामग्री के भी भाव में उतार चढ़ाव की स्थिति दिखाई देगी।

ऐसे बनेगी युति

शुक्र ग्रह के धनु राशि में प्रवेश करते ही त्रिग्रही युति बनेगी जिसमें बुध, मंगल, शुक्र का युति क्रम रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध से व्यापार व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में रजिस्ट्री का रिकॉर्ड टूटेगा। कृषि से संबंधित जिंसों का भी प्रचलन बढ़ेगा। जैविक खेती के संदर्भ का भी चिंतन किया जाएगा। वहीं मौसम का प्रभाव भी बाजार में दिखाई देगा। आर्थिक पक्ष की दृष्टिकोण से यही युति ठीक-ठाक है।

अनाज और फूलों की खेती से मिलेगा बड़ा लाभ

मंगल शुक्र बुध का युति संबंध अनाज मंडी में बहुतायत की स्थिति बनाएगी कुछ फसले सस्ती होंगी कुछ फसले महंगी होगी। साथ ही फूलों की खेती के बढ़ने से विदेश में मांग बढ़ेगी। छोटे बड़े कृषकों को एक नया बाजार मिलेगा। जहां पर निवेश के साथ आर्थिक प्रगति का रास्ता खुलेगा।

तकरीबन 23 दिन का परिभ्रमण अलग-अलग प्रकार के ऐतिहासिक परिवर्तन करवा सकता है। इसका मुख्य कारण इस कालखंड में संपूर्ण भारत में अलग-अलग प्रकार से धर्म आध्यात्मिक संस्कृति से जुड़े संबंधित क्षेत्र के पर्यटन से लाभ की स्थिति भी दिखाई देगी। जो आने वाले समय में इसका लाभ धन धर्म प्रगति व सांस्कृतिक ऐतिहासिकता को दर्शाएगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.