असंगठित श्रमिकों को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन देने पर विचार

भोपाल। प्रदेश के श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देने पर विचार किया जाएगा। श्रमिकों के संबंध में प्रावधानों और निर्णयों में संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए। पटेल शासकीय योजनाओं में 60 साल की आयु के बाद श्रमिकों को लाभ की पात्रता नहीं होने संबंधी प्रावधानों की समीक्षा कर रहे थे।

पटेल ने कहा कि बैठक में श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किये जाने के बाद अनुविभागीय अधिकारी के यहां होने वाली अपील के प्रावधान को हटाया जाएगा। गरीब व्यक्ति को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देंगे। अपील का प्रावधान जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी या श्रमिक बोर्ड के समक्ष करने संबंधी निर्णय विचारोपरांत लिया जाएगा। उन्होंने निर्देशित किया कि श्रमिकों के होने वाले पंजीयन के निरस्तीकरण के कारणों और उनके जस्टिफिकेशन के लिये किसी भी एक जिले की सेंपलिंग की जाए। इससे मजदूरों के पंजीयन के निरस्तीकरण की व्यवस्था पारदर्शी होगी। प्रदेश में वर्तमान में पंजीयन के लिये 50 हजार कियोस्क कार्य कर रहे हैं।

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को 45 वर्ष की उम्र के बाद बीमा योजना में कवर करने संबंधी विचार कर निर्णय लिया जाएगा। इससे श्रमिकों को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन के लाभ के साथ अन्य राशि देने की नीति भी बनाई जाएगी।

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