इंदौर। मकर संक्रांति का त्योहार हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश तिथि पर मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित होता है। कई जगहों पर मकर संक्रांति के त्योहार को पोंगल के नाम से जाना जाता है। वहीं, कुछ जगहों पर इसे खिचड़ी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। सूर्य देव और शनिदेव की कृपा पाने के लिए मकर संक्रांति के दिन गुड़, तिल और कपड़े आदि का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए, जानते हैं कि मकर संक्रांति पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए।
- मकर संक्रांति के दिन किसी को भी दान देने से मना न करें। अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ न कुछ दान जरूर करें।
- मकर संक्रांति के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं न करें।
- इस दिन किसी का भी अपमान न करें।
- मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद गंगा में कपड़े नहीं धोने चाहिए।
- इस दिन किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पेड़ों की कटाई और छंटाई करने से भी इस दिन बचना चाहिए।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का त्योहार शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा को समर्पित है। इस दिन गंगा-यमुना सहित पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दिन दान करने का बहुत महत्व होता है। दान करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.