देश की तीनों सेनाओं के लिए जबलपुर में तैयार हुए अत्याधुनिक बम

 जबलपुर। आयुध क्षेत्र में देश की शीर्ष आयुध निर्माणी खमरिया ओएफके ने अत्याधुनिक बमों का उत्पादन कर रक्षा क्षेत्र में सेना के तीनों अंगों को बेहद समक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर जबलपुर को इस क्षेत्र में नई उपलब्धि प्रदान कर दी है। इस साल अपने रिकार्ड उत्पादन की ओर अग्रसर निर्माणी ने 125 एमएम अभ्यास एम्युनेशन के साथ ही साथ कई किलोग्राम भार क्षमता का उत्पादन कर सेना की मांग को पूरा में सहायक बन गई है।

4 हजार अधिकारी-कर्मचारियों की मेहनत

म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआइएल) की एक इकाई के रूप में अग्रणी ओएफके रक्षा क्षेत्र मांग के अनुरूप गोला-बारूद के साथ अनेक आधुनिकतम बमों की श्रृंखला का उत्पादन कर रही है। इस कार्य में उसके करीब 2800 कर्मचारी व अधिकारियों समेत 4000 का स्टाफ महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। रशिया के सहयोग कभी बमों का उत्पादन करने वाली निर्माणी आज आत्मनिर्भर भारत की ओर महत्वाकांक्षी कदम बढ़ाते हुए बमों की स्वदेशी संस्करण के साथ शीर्ष क्रम में पहुंचने में सफल हुई है।

500 किग्रा से लेकर हजार एलबीएस बमों को दिया आकार

खमरिया में दिन व रात दो पालियों में कार्य करते हुए अनेक महत्वपूर्ण बमों की नई खेप तैयार की है और इनकी सेना को सप्लाई भी कर दी गई है। भारतीय थल सेना, नौ सेना, वायुसेना के लिए 125 एमएम अभ्यास एम्मुनेशन, राकेट 84 एमएम हीट, मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड, 500 किग्रा जीपी बम, 450 किग्रा बम, 250 किग्रा प्री फ्रेग बम, 1000 एलबीएस बमों की नई श्रृंखला का उत्पादन किया है। ये बम एमएचए सिविल ट्रेड के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही बमों के नए वर्जन का उत्पादन जारी है।

2300 करोड़ के लक्ष्य को पाने की चुनौती

ओएफके प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले 10 माह में ही कई बड़े व आधुनिक बमों को आकार देकर 1575 करोड़ रुपये का उत्पादन कर लिया है और माना जा रहा है कि शेष तीन माह यानी 31 मार्च तक 2300 करोड़ रुपये के तय लक्ष्य को पाने प्रयासरत है।

एमआइएल ने हजार करोड़ रुपये का उत्पादन किया

रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार का उपक्रम म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआइएल) की देशभर में 11 इकाईयां हैं, इनमें आयुध निर्माणी खमरिया भी शामिल है। एमआइएल की रिपोर्ट के अनुसार उसे पांच हजार करोड़ से अधिक का निर्यात आर्डर भी प्राप्त हुआ है, जिसमें से अब तक इस वित्त वर्ष में करीब एक हजार करोड़ रुपये का उत्पादन कर सप्लाई पूर्ण हो चुकी है।

ओएफके अपने बेहतर कार्य की वजह से 1575 करोड़ रुपये का उत्पादन सेना के लिए करने में सक्षम हुई है। शेष लक्ष्य को निर्माणी द्वारा तीन माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

अविनाश शंकर, जनसंपर्क अधिकारी, आयुध निर्माणी खमरिया।

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