पितृ दोष से मुक्ति के लिए मकर संक्रांति पर करें ये काम, परिवार रहेगा खुशहाल

इंदौर। सनातन धर्म में संक्रांति की तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन सूर्य देवता राशि परिवर्तन करते हैं। मकर संक्रांति सूर्य देव के मकर राशि में गोचर की तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। संक्रांति की तिथि पर गंगा स्नान की परंपरा भी है। इस दिन जप-तप और दान भी किए जाते हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, साल 2024 में मकर संक्रांति की तिथि पर शुभ योग बनने जा रहे हैं। इस दिन भगवान शिव कैलाश में विराजमान रहेंगे। अगर आप भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो संक्रांति तिथि के शुभ दिन स्नान, ध्यान करें और शिवजी का अभिषेक करें।

शुभ योग

मकर संक्रांति की तिथि पर वरीयान योग रात्रि 11.11 बजे तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन रवि योग भी बन रहा है। रवि योग प्रातः 08:07 बजे रहेगा। इसके अलावा बव और बालव करण का निर्माण भी हो रहा है। बव करण का निर्माण दोपहर 3:35 बजे तक रहेगा। इन योगों में पूजा-पाठ और दान करने से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय : सुबह 07:15 मिनट पर।

सूर्यास्त : शाम 05:46 मिनट पर।

चन्द्रोदय : सुबह 10:14 मिनट पर।

चंद्रास्त : देर रात 10:08 मिनट पर।

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:27 मिनट से 06:21 मिनट तक।

विजय मुहूर्त – दोपहर 02:16 मिनट से 02:58 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:43 मिनट से 06:10 मिनट तक।

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:03 मिनट से 12:57 मिनट तक।

इस समय करें शिवजी का अभिषेक

मकर संक्रांति की तिथि पर भगवान महादेव दोपहर 2:16 मिनट तक कैलाश में विराजमान रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक किया जा सकता है। शास्त्रों में बताया गया है कि कैलाश प्रवास के दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को मृत्युलोक में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। साथ ही जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। गंगा जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। मकर संक्रांति की तिथि पर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव का अभिषेक करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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