सम्राट मिहिर भोज विवाद पर हाई कोर्ट ने कहा- राजा की कोई जाति नहीं, दोनों समाज मिलकर करें विवाद का निराकरण

ग्वालियर बहुचर्चित हुए सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद को लेकर बुधवार को मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में सुनवाई हुई। युगल पीठ ने कहा कि राजा की कोई जाति नहीं होती है। दोनों समाज मिलकर इस मामले के विवाद का निराकरण करें, वर्ना फिर कोर्ट इस पर फैसला करेगा।

आपस में विवाद सुलझाएं

दूसरी ओर हाई कोर्ट ने प्रशासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी को निर्देशित करते हुए कहा कि संभागीय आयुक्त दीपक सिंह इस मामले में दोनों समाज के प्रतिनिधियों को बुलाकर एक साथ बैठाएं और दोनो समाज मिल कर आपस में विवाद सुलझाएं। अब इस मामले में फरवरी के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में सुनवाई हो सकती है।

यह यह मामला ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा को लेकर पिछले दो साल से विवाद चल रहा है। इससे मूर्ति को टीनशेड से कवर कर दिया गया है। कुछ महीनों पहले इस मसले पर जमकर बवाल हुआ था। यह विवाद क्षत्रिय और गुर्जर समाज के लोगों में है। दोनों का दावा है कि राजा का संबध उनकी जाति से है।

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