2024 के लिए बिहार में सियासत तेज आपसी खींचतान से परेशान, वैशाली पर LJP-RLJP का दावा

पटना। 2024 का लोकसभा चुनाव का माहौल अभी से बनने लगा है। 2019 में जीते हुए सांसदों की सक्रियता अपने-अपने क्षेत्रों में बढ़ गई है। अपनी पार्टी से टिकट मिलने का आश्वासन पाए नेता भी जन दर्शन करने में लगे हुए हैं। मौजूदा सांसदों की टिकट की आस में कई उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

नई दिल्ली में जदयू की कार्यकारिणी की बैठक हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर का सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव का टिकट कंपर्म कर दिया है।

संजय झा लगातार सक्रिय

दिल्ली में ही नीतीश कुमार ने जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) का भी टिकट फाइनल कर दिया है। वह दरभंगा (Darbhanga Seat) से ताल ठोकेंगे।

संजय झा 2014 में लोकसभा का चुनाव हार गए थे, लेकिन वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने अपने प्रयासों से क्षेत्र में विकास विकास की कई बड़ी योजनाएं पूरी की है। दरभंगा में एयरपोर्ट का संचालन हो रहा है, जिसमें उनका योगदान है।

दरभंगा के शोभन में एम्स की स्थापना हुई है। उन्होंने यहां एम्स खुले इसके लिए काफी प्रयास किए थे। 2019 में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई थी और यहां से वह जीती भी थी।

लोजपा के दावेदार भी सक्रिय

वैशाली से लोजपा की टिकट से वीणा देवी जीतीं हैं। वह इस समय पशुपति कुमार पारस की रालोजपा में हैं।इधर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(रा) की ओर से ई. रवींद्र सिंह भी क्षेत्र में जन दर्शन कर रहे हैं।

जमुई पर टिकी अशोक की नजर

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी जमुई सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह कांग्रेस की टिकट पर 2009 में जमुई से लोकसभा का चुनाव लड़े थे। अब वह जदयू में हैं, लेकिन क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।

जमुई सीट की एक विधानसभा तारापुर में उप चुनाव हुआ था। उसमें जदयू की जीत का श्रेय अशोक चौधरी को जाता है। इस सीट पर 2009 में जदयू की ही जीत हुई थी। उस समय भूदेव यहां से सांसद बने थे।

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