छह जनवरी से चलने वाले विशेष पुनरीक्षण अभियान में घर-घर संपर्क किया जाएगा। जो मतदाता बताए गए पते पर नहीं पाए जाता है तो उनके नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया की जाएगी।
- विधानसभा चुनाव के समय घर-घर संपर्क अभियान के दौरान अनुपस्थित पाए गए थे
- छह जनवरी से चलेगा मतदाता सूची को अद्यतन करने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम
- सूची को अंतिम रूप देने से पहले मतदाताओं का सत्यापन कर नाम हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में छह जनवरी से शुरू होने वाले मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम में नाम काटने से पहले उन साढ़े पांच लाख मतदाताओं का सत्यापन होगा, जो घर-घर संपर्क अभियान में अनुपस्थित पाए गए थे। बूथ लेवल आफिसर घर-घर जाएंगे और मतदाताओं की स्थिति पता करेंगे। इसके बाद नोटिस जारी कर नाम कटाने की कार्रवाई की जाएगी। 22 जनवरी तक नाम काटने, जाेड़ने और संशोधन के लिए आवेदन लिए जाएंगे और फिर इनका निराकरण आठ फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
घर-घर संपर्क अभियान चला था
विधानसभा चुनाव के समय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए घर-घर संपर्क अभियान चलाया था। मतदाता पर्ची के वितरण के लिए भी बूथ लेवल आफिसर घर-घर गए थे। इस दौरान जो मतदाता घर पर नहीं पाए गए या वहां से कहीं और रहने चले गए, उनकी अलग सूची बनाई गई थी। तब तो उनके नाम सूची से नहीं हटाए गए पर अब लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले ऐसे मतदाताओं का सत्यापन कर नाम हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
छह जनवरी से विशेष पुनरीक्षण अभियान
इसके लिए छह जनवरी से चलने वाले विशेष पुनरीक्षण अभियान में घर-घर संपर्क किया जाएगा। जो मतदाता बताए गए पते पर नहीं पाए जाता है तो उनके नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया की जाएगी। नोटिस देकर उनके नाम हटाए जाएंगे। यदि कोई स्थानांतरित हो गया है तो उसका नाम जहां वह रह रहा है, वहां की सूची में दर्ज कराने के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि वे लंबित आवेदनों का निराकरण छह जनवरी से पहले कर लें और फिर अभियान के दौरान जो आवेदन प्राप्त हों, उनका समयसीमा में निराकरण कर निर्णय लें।
मतदान केंद्र बढ़ाने के भी मांगे प्रस्ताव
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मतदान केंद्र बढ़ाने के संबंध में भी जिलों से प्रस्ताव मांगे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव के समय मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सहायक मतदान केंद्र बनाए गए थे। अब इन्हें अलग से मतदान केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही मतदाता को मतदान के लिए दो किलोमीटर से अधिक दूर न जाना पड़े, इसका भी परीक्षण कराया जाएगा।
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