लॉन्चिंग के 22 मिनट बाद ही एक्सपोसैट सैटेलाइट निर्धारित कक्षा में स्थापित हो जाएगा।
- में लगे टेलिस्कोप को रमन रिर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है।
- ’ ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले सितारों का अध्ययन करेगा।
- इसे धरती से 650 km की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। बीते साल 2023 में चंद्रयान-3 और सूर्य मिशन की सफलता से उत्साहित इसरो ने साल 2024 के पहले ही दिन नया इतिहास रच दिया। नववर्ष के स्वागत में इसरो ने आज देश का पहला एक्सपोसेट (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट) मिशन को लॉन्च किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सैटेलाइट की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह करीब 9 बजे की गई। मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, “1 जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल मिशन पूरा हो गया है।”
खुलेगा ब्लैक होल का रहस्य
के जरिए ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया के बारे में कई खुला से हो सकते हैं। इसरो के मुताबिक, यह करीब 5 वर्ष का लंबा मिशन है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)- सी 58 रॉकेट एक्सपोसेट और 10 अन्य उपग्रहों के साथ आज अपनी 60वीं उड़ान भरी। की लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती 25 घंटे पहले रविवार को ही शुरू हो गई थी।
वैज्ञानिकों ने तिरुपति में की पूजा
इसरो के वैज्ञानिकों ने की लॉन्चिंग से पहले रविवार को तिरुपति मंदिर में पूजा की थी। आपको बता दें कि का उद्देश्य अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के बारे में पता करना है। इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों के लिए इस तरह क अध्ययन किया था।
में लगे टेलिस्कोप को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले सितारों का अध्ययन करेगा। इसे धरती से 650 की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो ने इस मिशन की शुरुआत साल 2017 में की थी और इस मिशन पर लागत करीब 9.50 करोड़ रुपए आई है। लॉन्चिंग के 22 मिनट बाद हीएक्सपोसैट सैटेलाइट निर्धारित कक्षा में स्थापित हो जाएगा। सैटेलाइट में औरजैसे दो महत्वपूर्ण पेलोड्स लगाए गए हैं।
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