यात्री किराया न बढ़े इसलिए रेलवे अब ऐसे बढ़ाएगा अपनी आमदनी

जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल इन दिनों अन्य स्त्रोतों से आय कमाने के लिए नए-नए प्रयोग करने में जुटा है। अब वह ट्रेनों की बाहरी वाल को विज्ञापन के लिए किराए पर देगा। दरअसल जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) जोन का जबलपुर मंडल ई-टेंडर के जरिए पहली बार यह कार्य कर रहा है। जबलपुर रेल मंडल अपनी ट्रेनों के कोच और इंजन का वाणिज्यिक उपयोग कर उनमें विज्ञापन चस्पा करने के लिए ई-टेंडर निकाले हैं, जिसमें देश-विदेश की कंपनियों के अपने प्रचार-प्रसार के लिए रेलवे से संपर्क साधने की संभावना है।

देश और विदेश की कंपनियों का विज्ञापन दिखाई देगा

ट्रेन के कोच और इंजन की बाहरी वाल पर जबलपुर से लेकर देश और विदेश की कंपनियों का विज्ञापन दिखाई देगा। वर्तमान में जबलपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 38 ट्रेनों का संचालन होता है, जो देश के 26 से ज्यादा राज्य के शहरों से गुजरती है। इसका फायदा लेने के लिए रेलवे ने अब इंजन और कोच की वाल पर विज्ञापन देने के लिए पूरी तैयारी की है।

जनशताब्दी से शुरुआत, सोमनाथ पर जोर

जबलपुर रेल मंडल ने पहले भी रेलवे बोर्ड की विज्ञापन पालिसी के तहत ट्रेनों में विज्ञापन मांगे थे, लेकिन इसमें कई पेंच होने के कारण एक-दो कंपनियों ने ही रुचि दिखाई। वहीं मंडल के पास ट्रेनों की संख्या और उनके गंतव्य स्टेशन कम थे, लेकिन आज जबलपुर की ट्रेनें देश के 26 राज्यों तक अपना रेल संपर्क बनाए हुए हैं, जिसको रेलवे भुनाने में जुट गया है। इस बार ई टेंडर के जरिए देश ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियों को भी विज्ञापन देने के लिए आमंत्रित किया गया है। पहले चरण में सिर्फ जबलपुर से रानीकमलापति के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस के कोच में ही विज्ञापन दिए गए थे, लेकिन प्रदेश की सीमा में सीमित होने के कारण यह ज्यादा नहीं चल सकी।

सोमनाथ एक्सप्रेस से होगी शुरुआत

कमर्शियल विभाग ने इस बार सभी ट्रेन, उनके रूट और गति के साथ कोचों की हालात पर अध्ययन कर विज्ञापन के लिए ई टेंडर आमंित्रत किया है। इनमें खासतौर पर निजी और शासकीय विभागों के विज्ञापन के साथ-साथ एक से दूसरे राज्य में चलने वाले विज्ञापन और भाषा को भी ध्यान में रखा है। सबसे पहले वह जबलपुर से गुजरात के सोमनाथ जाने वाली सोमनाथ एक्सप्रेस पर विज्ञापन देगा। हालांकि पिछले बार इन दिक्कतों की वजह से उसकी यह नीति ज्यादा दिन नहीं चली। इधर कमर्शियल विभाग पर आय बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अभी तक यात्री किराए के अलावा वह अनाधिकृत यात्री पर जुर्माना लगाने, मालगाड़ी की सफाई, पार्सल की लीज, स्टाल से लेकर अन्य स्त्रोंतों से अपनी आय बढ़ाने में जुटा है।

क्या है योजना

  • जबलपुर रेल मंडल के पास वर्तमान में लगभग 600 से ज्यादा कोच और 100 से ज्यादा इंजन हैं।
  • इनमें एसी, स्लीपर और स्पेशल ट्रेन के कोच हैं, जो सीधे 26 राज्यों तक अपना सफर करते हैं।
  • इन कोच में खिड़की के नीचे वाली बाहरी पट्टी पर जल्द ही राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कंपनी के विज्ञापन होंगे।
  • विज्ञापन के दाम और समय में भी कई बदलाव किए हैं, ताकि इस बार कंपनी आए और आय बढ़ें।
  • रेलवे ने पहले चरण में सोमनाथ, जम्मूतवी और गरीब रथ जैसी ट्रेनों को लिया है।

रेलवे अन्य स्त्रोतों से अपनी आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। जबलपुर से देशभर के लिए चलने वाली लगभग 36 से ज्यादा ट्रेनों में विज्ञापन लगाएगा। इसके लिए निजी कंपनियों को आमंित्रत किया गया है। ई टेंडर प्रक्रिया आने के बाद उम्मीद है कि देशभर से कंपनियां इसमें रूझान दिखाएंगी।

विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम जबलपुर रेल मंडल पमरे।

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