इंदौर। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में होगी। आपको बता दें कि राम लला की 3 मूर्तियों तैयार की जा रही है और उनमें से भगवान राम की एक बाल स्वरूप प्रतिमा की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने तीनों प्रतिमाओं का अवलोकन किया है और फिर गुप्त मतदान के जरिए प्रतिमा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
5 से 10 जनवरी के बीच मूर्ति का चयन
ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के पास फिलहाल फैसला सुरक्षित है। ऐसे संभावना जताई जा रही है कि 5 से 10 जनवरी के बीच मूर्ति का चयन कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट के आधिकारिक सदस्यों ने जिस प्रतिमा को सबसे अधिक पसंद किया है, उसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। इसके अलावा राम लला की दो अन्य प्रतिमाओं को मूर्तिकार गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडेय ने तैयार किया है।
कर्नाटक के विख्यात मूर्तिकार हैं अरुण योगीराज
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अरुण योगीराज के द्वारा तैयार की गई रामलला की प्रतिमा को सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। अरुण योगीराज कर्नाटक में मैसूर के रहने वाले हैं और विख्यात मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के पुत्र हैं। अरुण के पिता को वाडियार घराने के महलों को खूबसूरती देने के भी लिए जाना जाता था।
अरुण योगीराज बीते 6 माह से रोज 12 घंटे काम करके राम लला की मूर्ति तैयार कर रहे हैं। इंडिया गेट पर स्थापित सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की प्रतिमा को अरुण योगीराज ने ही तैयार किया है। इसके अलावा मूर्तिकार गणेश भट्ट भी कर्नाटक शैली के ही मूर्तिकार हैं। अरुण योगीराज और गणेश भट्ट ने कर्नाटक में पाई जाने वाली श्याम शिलाओं को तराशकर राम लला की श्यामवर्णी प्रतिमा तैयार की है।
सत्यनारायण पांडेय ने संगमरमर से बनाई प्रतिमा
वहीं राजस्थान के रहने वाले मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने रामलला की प्रतिमा संगमरमर से तैयार की है। उनकी मूर्तिकला में पारंपरिक और समकालीन शैली का मिश्रण देखने को मिलता है।
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