सुबह उठते ही ये 5 चीजें कभी न देखें, पूरा दिन हो सकता है अशुभ, जानें क्या है मान्यता

इंदौर। हर सुबह एक नई उम्मीद और उत्साह लेकर आती है। रातभर के आराम के बाद सुबह जब हम जागते हैं तो एक नई ताजगी महसूस करते हैं। ऐसे में पूरा दिन पूरे उत्साह के साथ गुजरता है। लेकिन वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि सुबह जागते ही कुछ चीजों को बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए, क्योंकि इन्हें देखने पर मन में नकारात्मकता आती है और पूरा दिन भी खराब गुजर सकता है। इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे।

सुबह न देखें गंदे बर्तन

सुबह उठते ही झूठे बर्तन देखना भी शुभ नहीं होता है। वास्तु के मुताबिक, ऐसा करने से घर में देवी लक्ष्मी नाराज होती है। यही कारण है कि झूठे बर्तन रात में ही साफ करने की सलाह दी जाती है। सुबह उठते ही झूठे बर्तन देखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कम हो जाता है। घर में हर जगह झूठे बर्तन फैले हो तो इससे घर में दरिद्रता का वास होता है।

सुबह न देखें परछाई

सुबह उठते ही व्यक्ति को अपनी या दूसरों की परछाई नहीं देखना चाहिए। ज्योतिष में छाया दिखना राहु के समान माना गया है। यदि सुबह परछाई देखते हैं तो इसे राहु को न्योता देने के समान माना गया है। इससे दिन में कामकाज में बाधा आती है। तनाव होता है और कार्य में असफलता मिलती है।

जागते ही दर्पण के सामने न जाएं

कई लोग सुबह उठते ही सबसे पहले अपना चेहरा दर्पण में देखते हैं, लेकिन ऐसा करना अशुभ हो सकता है। वास्तु शास्त्र में भी इसे अच्छा नहीं माना जाता है। सुबह उठकर सबसे पहले अपने आराध्य के दर्शन करने चाहिए। इसके बाद नित्य कर्म करके ही दर्पण देखना चाहिए।

सुबह न देखें स्टॉप वॉच

इंसान के जीवन की घड़ी उसके भाग्य से जुड़ी होती है। सुबह उठने के बाद बंद घड़ी को देखना भी बड़ी भूल हो सकती है। घर में बंद घड़ी बुरे समय का संकेत देती है। शास्त्रों के अनुसार, बंद घड़ी देखने से विवाद की स्थिति पैदा होती है। कार्य में बार-बार रुकावट आती है। घर में कभी भी बंद घड़ी नहीं रखना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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