बड़वानी। गंगा जमुनी तहजीब को आत्मसात करते मुंबई की युवती शबनम शेख (20) पैदल निकल पड़ी हैं अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन करने। हाथ में भगवा ध्वज व श्रीराम नाम का झंडा लेकर बुधवार को मप्र के सेंधवा पहुंची शबनम खुद को सनातनी मुस्लिम मानती हैं। वह अपने साथी रमन राज शर्मा व विनीत पांडे के साथ यात्रा पर हैं। शबनम कहती हैं कि राम की पूजा के लिए किसी को हिंदू होने की आवश्यकता नहीं है, इंसान होना ही काफी है। शबनम रोजाना 25-30 किलोमीटर का सफर तय करती हैं। अब तक 350 किमी का उनका सफर पूरा हुआ है।
श्रीराम का नारा
शबनम ने कहा कि एक दिन सोचा कि कई चीजें धर्म में उलझा देती हैं। जय श्रीराम का नारा लगाकर स्वजन को कहा कि राम मंदिर की पैदल यात्रा करनी है। इसके बाद अब्बा ने कहा कि जाओ अच्छी बात है, अच्छे से जाना। मां थोड़ी उदास थीं। शबनम ने बताया कि फिलहाल बीकाम फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही हूं। मेरे दो साथियों ने कहा कि हम साइकिल से जाएंगे। मैंने पैदल चलने की बात कही। तीनों तैयार हुए और निकल पड़े।
खुद को बताया सनातनी मुस्लिम
खुद को सनातनी मुस्लिम कहने पर शबनम ने कहा कि मैंने एक महिला को देखा कि वह खुद को सनातनी मुस्लिम कहती हैं। मुझे उनसे प्रेरणा मिली। शबनम का दृढ़ विश्वास है कि राम की पूजा किसी विशेष धर्म या क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। यह सीमाओं को पार करती है और पूरी दुनिया को शामिल करती है। यात्रा के पीछे की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर वे कहती हैं, भगवान राम सभी के हैं, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो।
प्राण-प्रतिष्ठा 22 को, शबनम का पहुंचना मुश्किल
शबनम की मुंबई से अयोध्या तक 1,425 किलोमीटर की यात्रा है। 22 जनवरी को मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में उनका पहुंचना मुश्किल है। शबनम ने कहा कि महोत्सव में नहीं पहुंच पाऊंगी, क्योंकि रास्तेभर में कई टीवी चैनल व लोग मिलते हैं। इससे देरी होती है। फरवरी तक पहुंच पाएंगे। इंटरनेट मीडिया पर कुछ घृणित टिप्पणियों के बावजूद शबनम अपनी यात्रा के प्रति अविचल और उत्साहित हैं। गुरुवार को शबनम साथियों के साथ खलघाट के लिए रवाना हो गई।
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