इंदौर। रत्नों का संबंध ग्रहों से है। यदि कुंडली में ग्रहों की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति परेशानियों का सामना करता है। जन्म पत्रिका में ग्रहों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। रत्न शास्त्र में मोती को महत्वपूर्ण रत्न माना जाता है। मोती का संबंध चंद्रमा ग्रह से है। चांद को मन का स्वामी माना गया है। जिन व्यक्तियों का चंद्रमा कुंडली में कमजोर होता है। उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में मोती रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
रत्न शास्त्र के अनुसार, मोती माता लक्ष्मी को प्रिय है। मोती धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इससे व्यक्ति का भाग्य जाग उठता है। आइए जानते हैं मोती पहनने के फायदे क्या हैं। इसे कैसे धारण करना चाहिए।
मोती रत्न का संबंध चंद्रमा से है। मोती को चांदी की अंगूठी के साथ पहनने से लाभ होता है। मोती धारण करने से पहले कुंडली में चंद्र की स्थिति देखना जरूरी है। पत्रिका में चंद्रमा की स्थिति को देखते हुए मोती पहना जाता है। रत्नशात्र में मोती को छोटी उंगली में पहनने की सलाह दी जाती है।
इन राशियों के मोती रत्न शुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती रत्न मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ होता है। सिंह, तुला और धनु राशि वालों को विशेष परिस्थितियों में मोती धारण करना चाहिए। अन्य राशियों के लिए मोती अशुभ माना जाता है।
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