1989 में संतों ने लिया था फैसला, अनुसूचित जाति का व्यक्ति रखेगा राम मंदिर की पहली ईंट, जानें कौन हैं कामेश्वर चौपाल
अयोध्या। धार्मिक नगरी अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा और इसके लिए अयोध्या ही नहीं, बल्कि पूरे देश में उत्साह का माहौल है। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बीच इन दिनों कामेश्वर चौपाल का नाम भी काफी चर्चा में है। दरअसल कामेश्वर प्रसाद ही ऐसे पहले खुशकिस्मत शख्स हैं, जिन्होंने राम मंदिर के शिलान्यास के समय पहली ईंट रखी थी।
बचपन में आरएसएस में सक्रिय
कामेश्वर चौपाल बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय हैं। कामेश्वर चौपाल बताते हैं कि साल 1984 में राम जन्मभूमि के मुद्दे पर दिल्ली के विज्ञान भवन में पहली धर्म संसद हुई तब उनकी उम्र करीब 30-35 वर्ष रही होगी। इसके बाद वे राम मंदिर आंदोलन और इससे जुड़ी लगभग सभी गतिविधियों में सक्रिय रहे। साल 1984 में ही जब जनकपुर से पहली यात्रा निकाली गई थी, तो उसमें भी कामेश्वर चौपाल सक्रिय रहे थे।
परमात्मा की कृपा से मिला सौभाग्य
राम मंदिर आंदोलन में देश के लाखों करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था, लेकिन कामेश्वर चौपाल वह एक नाम हैं, जिन्हें राम मंदिर के शिलान्यास में पहली ईंट रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। शिलान्यास के समय पहली ईंट रखने की बात कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि ये परमात्मा की कृपा है, उन्हें ये सौभाग्य मिला।
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि संतों ने 1989 में ही फैसला लिया था कि राम मंदिर के शिलान्यास में अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति से पहली ईंट रखवाई जाएगी। इस निर्णय के बारे में मुझे जानकारी थी, लेकिन वह व्यक्ति मैं ही होऊंगा, इसका जरा भी कल्पना नहीं की थी’। आपको बता दें कि कामेश्वर चौपाल साल 2002 से 2014 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं।
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