हथेली में शकट योग होने पर व्यक्ति जीवन भर संघर्ष करता है, तो भी आर्थिक समृद्धि नहीं मिलती है। ऐसे लोगों जीवन दुर्भाग्यशाली रहता है।
- शकट योग कुंडली में बृहस्पति और चंद्रमा के बीच पारस्परिक संबंध के कारण स्थापित होता है।
- चंद्रमा बृहस्पति के छठे या आठवें घर में स्थित है तो कुंडली में शकट योग का निर्माण होता है जो व्यक्ति की वित्तीय समृद्धि के संबंध में बुरे परिणाम पैदा कर सकता है।
- हस्तरेखा ज्योतिष के मुताबिक, हथेली में शकट योग तब निर्मित होता है, जब हाथ में शनि पर्वत एवं चंद्र पर्वत दबे हुए रहते हैं।
धर्म डेस्क, इंदौर। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शकट योग को बहुत ही बुरे योगों में से एक माना जाता है। ज्योतिष मान्यता के मुताबिक, यदि किसी जातक की कुंडली में शकट योग रहता है तो उसे आर्थिक मामले में हमेशा ही बहुत बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं।
कब बनता है शकट योग
कुंडली ज्योतिष के मुताबिक, शकट योग कुंडली में बृहस्पति और चंद्रमा के बीच पारस्परिक संबंध के कारण स्थापित होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा बृहस्पति के छठे या आठवें घर में स्थित है तो कुंडली में शकट योग का निर्माण होता है जो व्यक्ति की वित्तीय समृद्धि के संबंध में बुरे परिणाम पैदा कर सकता है। वहीं हस्तरेखा ज्योतिष के मुताबिक, हथेली में शकट योग तब निर्मित होता है, जब हाथ में शनि पर्वत एवं चंद्र पर्वत दबे हुए रहते हैं और शुक्र पर्वत पर जरूरत से ज्यादा आड़ी-तिरछी रेखाएं होती है। भाग्य रेखा भी बहुत कमजोर हो तो उसकी हथेली में शकट योग बनता है।
जीवन भर दुर्भाग्य साथ नहीं छोड़ता
हथेली में शकट योग होने पर व्यक्ति जीवन भर संघर्ष करता है, तो भी आर्थिक समृद्धि नहीं मिलती है। ऐसे लोगों जीवन दुर्भाग्यशाली रहता है। जीवन में कई बार संघर्ष का सामना करना पड़ता है। कई बार कर्ज लेकर काम चलाना पड़ता है। समाज में ऐसे लोगों का कोई सम्मान नहीं होता है। जीवन साधारण स्तर का ही व्यतीत होता है।
शकट योग का नहीं है कोई उपाय
डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली ने अपनी किताब ‘वृहद हस्तरेखा शास्त्र’ में बताया है कि शकट योग का ज्योतिष में कोई भी उपाय नहीं बताया गया है। आमतौर पर शकट योग के निर्मित होने पर वही फल मिलता है, जो बताया गया है, लेकिन यदि जातक के हाथ में बुध पर्वत तथा गुरु पर्वत विकसित हो और गुरु पर क्रॉस का निशान हो तो शकट योग का इतना बुरा फल नहीं देखने को मिलता है।
डिसक्लेमर
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