भोपाल के बीआरटीएस कार‍िडोर को लेकर स‍ियासत शुरू, उमा और तन्खा ने की जांच की मांग

भोपाल। मुख्‍यमंत्री डा. मोहन यादव ने भोपाल के बीरआरटीएस कार‍िडोर को हटाने के न‍िर्देश अध‍िकार‍ियों को द‍िए है। इसके साथ ही अब स‍ियासत शुरू हो गई है, भाजपा और कांग्रेस के नेता मुख्‍यमंत्री के इस फैसले की सराहना कर रहे है, साथ ही इसकी जांच की मांग कर रहे है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी की सरकार के द्वारा बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का फ़ैसला व्यवहारिक एवं प्रशंसनीय है । ये बनाये ही क्यूँ गए इसकी जाँच होनी चाहिए क्यूँकि ऐसी ग़लतियाँ सरकार के सेकड़ों करोड़ों का नाश लगा देती हैं । @CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 @BJP4MP

— Uma Bharti (@umasribharti) December 27, 2023

इस बार में पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती कहा क‍ि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार के द्वारा बीआरटीएस कारिडोर हटाने का फ़ैसला व्यवहारिक एवं प्रशंसनीय है । ये बनाये ही क्यूँ गए इसकी जाँच होनी चाहिए क्यूँकि ऐसी ग़लतियाँ सरकार के सेकड़ों करोड़ों का नाश लगा देती हैं।

इसी तरह कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद व‍िवेक तन्‍खा ने भी इस पर सवाल उठाए है, उन्‍होंन अपने एक्‍स हैंडल पर बीआरटीएस कार‍िडोर के बारे में कहा कि एक बहुत प्रतीक्षित निर्णय के लिए। बस एक टाइम बाउंड पूछताछ की ज़रूरत है। किन नौकरशाह के शौक़ ने यह जन असुविधा रची। और किसको फ़ैयदा पहुँचने के लिये। करोड़ों में पब्लिक फंड्स का वैस्टेज।आप से उम्मीद है की आप जाँच के आदेश ज़रूर देगें।

उल्‍लेखनीय है क‍ि 13 साल पहले म‍िसरोद से संत ह‍िरदाराम नगर तक 24 क‍िमी तक यह कार‍िडोर 360 करोड़ की लागत से तैयार क‍िया गया था, ज‍िससे यातायात व्‍यवस्‍था में सुधार आए, लेक‍िन इससे आराम तो नहीं लेक‍िन आम जनता को लंबे जाम का सामना करना पड़ता था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009-10 में मिसरोद से बैरागढ़ तक लगभग बीआटीएस कारिडोर बनाया गया था। 13 साल में इसके रखरखाव पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। 2019 में भी बीआरटीएस हटाने की बात उठी थी, लेकिन सहमति नहीं बन पाई।

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