ग्वालियर (नप्र)। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न और ग्वालियर के लाड़ले सपूत अटल बिहारी वाजपेयी के 99वें जन्मदिवस पर ग्वालियर का दूसरा गौरव दिवस महाराज बाड़े पर सोमवार शाम को मनाया गया। रंगीन रोशनियों से झिलमिलाते महाराज बाड़े पर हुए समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। कार्यक्रम में भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने एक से बढ़कर प्रस्तुतियां देकर पूरे माहौल को राममय कर दिया। मुख्यमंत्री ने सर गंगाराम हॉस्पिटल नईदिल्ली में सेवाएं दे रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मुकुन्द खेतान, अंतर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी एवं कोच शिवेन्द्र सिंह राठौर, शिक्षाविद एवं साहित्यकार जगदीश तोमर, ग्वालियर सांगीतिक घराने के प्रख्यात शास्त्रीय गायक उमेश कंपू वाले और स्वर्ग सदन संस्था के विकास गोस्वामी को ग्वालियर गौरव सम्मान प्रदान किया।
बाड़े से किया भूमिपूजन, कहा-अटल सबके प्रिय
मुख्यमंत्री डा. यादव ने जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़े पर आयोजित ग्वालियर गौरव दिवस के कार्यक्रम के दौरान 200 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होने वाले अटल स्मारक का भूमिपूजन कर स्मारक के माडल का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी एक विराट व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें सत्ता पक्ष एवं विपक्ष द्वारा हमेशा पूरा मान – सम्मान दिया जाता था। डा. यादव ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का उज्जैन एवं बड़ानगर से भी नाता रहा है। अटल सभी को साथ लेकर चलते थे। उन्होंने कभी भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि अटल जी की जन्मोत्सव पर 200 करोड़ रूपए की लागत से अटल स्मारक का जो शिलान्यास किया गया है उससे विकास के नए – नए आयाम भी जुड़ेंगे।
मैथिली ठाकुर के भजनों से गौरव दिवस हुआ राम मय
गौरव दिवस पर महाराज बाड़े पर बिहार की भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने राम-सीता स्वयंवर से जुड़े प्रसंगों पर एक के बाद एक क्रमबद्ध तरीके से भजनों की प्रस्तुति दी। महाराज बाड़ा पर राममय हो गया। मुख्यमंत्री के गौरव दिवस के मंच से उतरते ही व्यवस्थाएं बिगड़ गईं। जिला प्रशासन के जिम्मेदारी अधिकारी मुख्यमंत्री की व्यवस्था में लगे थे। मंच पर भाजपा नेता मौजूद थे। गिनती के श्रोता होने के बाद अफरा-तफरी का माहौल था। लोग कुर्सियों पर खड़े होकर मोबाइल पर रिकार्डिंग कर रहे थे। उन्हें रोकने के टोकने वाला कोई नहीं था। बाड़े पर अटलजी के पसंदीदा चाची के मंगोड़ों का स्वाद अवश्य लोग लेते नजर आई। इसके एक काउंटर दबेली का लगा था।
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